इस शिव मंदिर में बादशाह हुमायूं ने ली थी शरण, 650 साल पुराना है इतिहास, जानिए खासियत
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पुजारी मनोज कुमार सेवग ने बताया कि यह मंदिर जमीन से 30 फीट ऊपर बना हुआ है. 1745 में राजा गजसिंह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था. इस मंदिर में महादेव जी की प्रतिमा कसौटी पत्थर की बनी है. पूरे सावन में यहां अभिषेक होता है.
बीकानेर. बीकानेर में कई ऐसे मंदिर है जिनका इतिहास अपने आप में अलग और अनोखा है. ऐसा ही एक बीकानेर के नाथ सागर स्थित बेनिसर बारी के बाहर कसौटी नाथ महादेव मंदिर है. यह 650 साल से अधिक पुराना मंदिर है. इसके इतिहास को देखा जाए तो इस मंदिर में मुगल बादशाह हुमायूं ने शरण ली थी. हालांकि, मंदिर में तो इसका कोई प्रमाण नहीं है, जबकि राजस्थान पर्यटन बीकानेर के सहायक निदेशक की ओर से बोर्ड लगाया गया है. जिसपर हुमायूं के बारे में उल्लेख किया गया है.
इसमें लिखा है कि शेर शाह से पराजित होकर हुमायूं अज्ञातवास को काट रहा था, तब कुछ दिनों तक यहीं रुका था. इसके अलावा यह भी लिखा है कि 16वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया गया. इसके बाद यह मंदिर नाथ सम्प्रदाय का था. इस बोर्ड पर लिखा है कि मुगल बादशाह हुमायूं शेरशाह सूरी से पराजित होकर जब गुप्त मार्ग से भाग रहा था तो कुछ समय के लिए अज्ञातवास के कारण इस मंदिर में शरण ली थी. वर्तमान में यह मंदिर सेवग भोजक मग ब्राह्मण ट्रस्ट के अधीन है.
पूरे सावन में यहां होता है अभिषेक
पुजारी मनोज कुमार सेवग ने बताया कि यह मंदिर जमीन से 30 फीट ऊपर बना हुआ है. 1745 में राजा गजसिंह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था. इस मंदिर में महादेव जी की प्रतिमा कसौटी पत्थर की बनी है. पूरे सावन में यहां अभिषेक होता है. इसके अलावा सोमवार और प्रदोष पर इस मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ लगती है.
पुजारी मनोज कुमार सेवग ने बताया कि यह मंदिर जमीन से 30 फीट ऊपर बना हुआ है. 1745 में राजा गजसिंह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था. इस मंदिर में महादेव जी की प्रतिमा कसौटी पत्थर की बनी है. पूरे सावन में यहां अभिषेक होता है. इसके अलावा सोमवार और प्रदोष पर इस मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ लगती है.
पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर परिसर में चार महादेव मंदिर हैं. एक कसौटी नाथ महादेव के अलावा महादेव मंदिर भी हैं. इनमें गोटेस्वर महादेव मंदिर, लालेश्वर महादेव मंदिर,गजपेतीस्वर यानी आकाश महादेव मंदिर है. इसके अलावा मंदिर के नीचे गर्भ गृह में चामुंडा माता का भी मंदिर है. साथ ही भैरू जी का मंदिर भी है. इसमें एक मंदिर में सिर्फ महिलाएं ही पूजा करती है.
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