ए खुदा तू है कहां.. सड़क पर कंबल में लिपटा मिला एक दिन का नवजात, टाइम पर मिल गया इलाज नहीं तो...
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Churu News : राजस्थान के चूरू में एक मां ने नवजात को सड़क पर लावारिस छोड़ दिया. पुलिस और टीम हारे के सहारे ने नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया. स्वस्थ होने पर नवजात को नंदघर भेजा जाएगा.
राजस्थान के चूरू में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां माता से कुमाता बनी मां ने बेहाल और रोते बिलखते अपने नवजात बच्चे को सड़क पर कंबल में लावारिस हालत में छोड़ दिया. नवजात के रोने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस से गुजर रहे लोगों ने इसकी सूचना सुजानगढ़ की कोतवाली थाना पुलिस और टीम हारे के सहारे को दी.
सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस प्रसाशन और टीम हारे के सहारे के श्याम स्वर्णकार ने नवजात को सुजानगढ़ के स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने नवजात शिशु को दस्तयाब कर उसके सांस लेने की शिकायत पर उसे चूरू के राजकीय मातृ एवं शिशु अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती करवाया है, जहां चिकित्सकों की एक टीम नवजात शिशु पर नजर बनाएं है. वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिमन्यू तिवारी ने कहा नवजात का वजन दो किलो है, जिसके हल्की सांस लेने की शिकायत पर नवजात को ऑक्सीजन पर रखा है. इससे पहले नवजात को अस्पताल में यशोदा द्वारा दूध की फीडिंग करवाई गयी और उसके कपड़े बदले गए.
स्वस्थ होने पर नवजात को भेजा जाएगा नंदघर
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक पन्नेसिंह ने बताया नवजात का मातृ एवं शिशु अस्पताल में उपचार चल रहा है और जैसे ही नवजात की सेहत में सुधार होता है. उसे बॉल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर नवजात को नंदघर भेजा जाएगा और फिर सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप नवजात को गोद देने की प्रक्रिया की जाएगी, तब -तक नवजात का नंदघर में ही पालन पोषण किया जाएगा.
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक पन्नेसिंह ने बताया नवजात का मातृ एवं शिशु अस्पताल में उपचार चल रहा है और जैसे ही नवजात की सेहत में सुधार होता है. उसे बॉल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर नवजात को नंदघर भेजा जाएगा और फिर सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप नवजात को गोद देने की प्रक्रिया की जाएगी, तब -तक नवजात का नंदघर में ही पालन पोषण किया जाएगा.
पुलिस कर रही परिजनों की तलाश
बता दें कि नवजात को सड़क और झाड़ियों में फेंकना अपराध है सरकार की और से बाक़ायदा इसके लिए राजकीय अस्पतालों में पालना गृह बनाकर छोड़े गए है जहां कोई भी व्यक्ति नवजात को फेंकने की जगह पालना गृह में छोड़ सकता है जिसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी लेकिन बावजूद इसके मानवीय संवेदनाओं को तार – तार करते हुए नवजात को सड़क या झाड़ियों में फेंक दिया जाता है.
बता दें कि नवजात को सड़क और झाड़ियों में फेंकना अपराध है सरकार की और से बाक़ायदा इसके लिए राजकीय अस्पतालों में पालना गृह बनाकर छोड़े गए है जहां कोई भी व्यक्ति नवजात को फेंकने की जगह पालना गृह में छोड़ सकता है जिसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी लेकिन बावजूद इसके मानवीय संवेदनाओं को तार – तार करते हुए नवजात को सड़क या झाड़ियों में फेंक दिया जाता है.
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Avnish mishra
पत्रकारिता में पांच साल का अनुभव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, राजनीति और स्वास्थ्य की खबरों में विशेष रुचि।
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