मानसरोवर कॉलोनी मामला: सुप्रीम कोर्ट का किसानों के हक में फैसला
Agency:ETV Rajasthan
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1982 में जयपुर में मानसरोवर कॉलोनी बसाने के लिए किसानों की जमीन के अधिग्रहण को लेकर मुआवजे की राशि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में किसानों के हक में फैसला सुनाया है.

1982 में जयपुर में मानसरोवर कॉलोनी बसाने के लिए किसानों की जमीन के अधिग्रहण को लेकर मुआवजे की राशि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में किसानों के हक में फैसला सुनाया है.
सीजेआई एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की याचिका पर किसानों को सौ रुपए स्क्वायर यार्ड के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला सुनाया.
राजस्थान सरकार सीधे तौर पर किसानों को मुआवजा देगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नई पिंक सिटी नाम की कंपनी को बड़ा झटका लगा है. पिंक सिटी ने मुआवजे पर अपना हक जताते हुए कहा था कि उसने किसानों की जमीन खरीदी है, लिहाजा मुआवजा उसे ही मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले कहा कि मुआवजा राज्य सरकार सीधे तौर पर किसानों को देगी, क्योंकि पिंक सिटी ने एससी/एसटी की जमीन बिना सरकार की अनुमति के खरीदी थी, इसलिए कानूनन मुआवजे के हकदार जमीन के असली मालिक है.
दरअसल, पिंकसिटी ने किसानों से जमीन खरीदी थी, जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने इस जमीन पर हाउसिंग स्कीम के तहत मानसरोवर कॉलोनी बनाने का निर्णय किया था. इसके बाद पिंक सिटी हाउसिंग बोर्ड से मुआवजे की मांग करने लगा. दूसरी ओर किसानों ने भी मुआवजा मांगा.
इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने किसानों को 100 रुपए वर्ग गज की दर से मुआवजा देने का निर्देश दिया था. इस पर पिंक सिटी ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलटते हुए विकसित भूमि का 25 प्रतिशत मुआवजा देने को कहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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सीजेआई एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की याचिका पर किसानों को सौ रुपए स्क्वायर यार्ड के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला सुनाया.
राजस्थान सरकार सीधे तौर पर किसानों को मुआवजा देगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद नई पिंक सिटी नाम की कंपनी को बड़ा झटका लगा है. पिंक सिटी ने मुआवजे पर अपना हक जताते हुए कहा था कि उसने किसानों की जमीन खरीदी है, लिहाजा मुआवजा उसे ही मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले कहा कि मुआवजा राज्य सरकार सीधे तौर पर किसानों को देगी, क्योंकि पिंक सिटी ने एससी/एसटी की जमीन बिना सरकार की अनुमति के खरीदी थी, इसलिए कानूनन मुआवजे के हकदार जमीन के असली मालिक है.
दरअसल, पिंकसिटी ने किसानों से जमीन खरीदी थी, जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने इस जमीन पर हाउसिंग स्कीम के तहत मानसरोवर कॉलोनी बनाने का निर्णय किया था. इसके बाद पिंक सिटी हाउसिंग बोर्ड से मुआवजे की मांग करने लगा. दूसरी ओर किसानों ने भी मुआवजा मांगा.
इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने किसानों को 100 रुपए वर्ग गज की दर से मुआवजा देने का निर्देश दिया था. इस पर पिंक सिटी ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलटते हुए विकसित भूमि का 25 प्रतिशत मुआवजा देने को कहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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