राजस्थान: इस साल नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश, आक्रोश फूटा बवाल मचा
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Rajasthan student union elections: राजस्थान में इस बार छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाएंगे. राजस्थान में हर साल अगस्त माह में छात्रसंघ चुनाव होते हैं. लेकिन इस बार उच्च शिक्षा विभाग ने विभिन्न कारणों से इन्हें नही...और पढ़ें

लवली वाधवा.
जयपुर. राजस्थान में इस साल छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे. छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जाने को लेकर राजस्थान के उच्च शिक्षा विभाग ने शनिवार रात को आदेश जारी कर दिए. इन आदेशों की जानकारी मिलते ही जयपुर समेत प्रदेशभर में छात्र संगठनों में आक्रोश फैल गया. लंबे समय से चुनाव की तैयारियों में जुटे छात्र नेताओं को इस आदेश से बड़ा धक्का लगा. लिहाजा रविवार को सुबह ही जयपुर में बवाल हो गया. राजस्थान यूनिवर्सिटी के सामने छात्रों ने जमकर हंगामा किया. उनको काबू करने में पुलिस प्रशासन की सांसें फूल गई. पुलिस ने 36 से अधिक छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया है.
जानकारी के अनुसार कुलपतियों और उच्च अधिकारियों की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. काफी विचार विमर्श के बाद मौजूदा हालात को देखते हुए यह बड़ा निर्णय लिया गया है. बैठक में माना गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की क्रियान्विति और यूनिवर्सिटीज की विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम में देरी के कारण मौजूदा सत्र के लिए प्रवेश देने में देरी हुई है. इससे अध्यापन कार्य कराना चुनौतीपूर्ण हो गया है. इन तमाम कारणों की वजह से इस साल छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए.
छात्र नेता धनबल और भुजबल का बेजा इस्तेमाल करते हैं
वहीं बैठक में यह भी कहा गया कि लिंगदोह समिति की सिफारिश की पालना करना भी बड़ी चुनौती है. चुनावों में छात्र नेता धनबल और भुजबल का बेजा इस्तेमाल करते हैं. यदि छात्रसंघ चुनाव कराए जाते हैं तो शिक्षण कार्य प्रभावित होने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरुप सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. लिहाजा तमाम परिस्थितियों को देखते हुए उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक के बाद शनिवार देर रात इस बात के आदेश जारी कर दिए गए कि इस साल छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे.
वहीं बैठक में यह भी कहा गया कि लिंगदोह समिति की सिफारिश की पालना करना भी बड़ी चुनौती है. चुनावों में छात्र नेता धनबल और भुजबल का बेजा इस्तेमाल करते हैं. यदि छात्रसंघ चुनाव कराए जाते हैं तो शिक्षण कार्य प्रभावित होने के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरुप सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. लिहाजा तमाम परिस्थितियों को देखते हुए उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक के बाद शनिवार देर रात इस बात के आदेश जारी कर दिए गए कि इस साल छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे.
एबीवीपी ने चुनावों पर रोक को लोकतंत्र की हत्या बताया
इस फैसले की जानकारी मिलते ही छात्र संगठन और छात्र नेता उबल पड़े. आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही जयपुर में देर रात राजस्थान विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. उसके बाद छात्र नेताओं में रविवार को सुबह 11 बजे यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस में बैठक बुलाई. एबीवीपी ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक को लोकतंत्र की हत्या बताया. वहीं ने NSUI इस मसले पर सीएम से मुलाकात करने की बात कही है.
इस फैसले की जानकारी मिलते ही छात्र संगठन और छात्र नेता उबल पड़े. आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही जयपुर में देर रात राजस्थान विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. उसके बाद छात्र नेताओं में रविवार को सुबह 11 बजे यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस में बैठक बुलाई. एबीवीपी ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक को लोकतंत्र की हत्या बताया. वहीं ने NSUI इस मसले पर सीएम से मुलाकात करने की बात कही है.
आरयू में पुलिस और छात्रों में हुई झड़प
इस मसले को लेकर रविवार को सुबह राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर छात्र एकजुट होने लगे. लेकिन पुलिस को पहले से इस बात का अंदेशा था कि बवाल हो सकता है. लिहाजा वहां ऐहतियात के तौर पर पहले ही भारी पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया. छात्रों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने पहले ही सख्ती शुरू कर दी. रविवार को अवकाश के दिन भी विश्वविद्यालय में छात्रों के आईडी कार्ड चेक करके प्रवेश दिया गया. लेकिन बाहर बड़ी संख्या में छात्र जुट गए और प्रदर्शन करने लगे. उनकी पुलिस से झड़प हो गई. बाद में पुलिस ने वहां हंगामा कर रहे तीन दर्जन से अधिक छात्र नेताओं को हिरासत में लिया.
इस मसले को लेकर रविवार को सुबह राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर छात्र एकजुट होने लगे. लेकिन पुलिस को पहले से इस बात का अंदेशा था कि बवाल हो सकता है. लिहाजा वहां ऐहतियात के तौर पर पहले ही भारी पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया. छात्रों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने पहले ही सख्ती शुरू कर दी. रविवार को अवकाश के दिन भी विश्वविद्यालय में छात्रों के आईडी कार्ड चेक करके प्रवेश दिया गया. लेकिन बाहर बड़ी संख्या में छात्र जुट गए और प्रदर्शन करने लगे. उनकी पुलिस से झड़प हो गई. बाद में पुलिस ने वहां हंगामा कर रहे तीन दर्जन से अधिक छात्र नेताओं को हिरासत में लिया.
2004 से 2009 तक छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए थे
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में साल 2004 से 2009 तक छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए थे. उसके बाद 2010 से निरंतर छात्रसंघ के चुनाव कराए गए. लेकिन कोविड काल में साल 2020 और 2021 में फिर से छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए थे. अब एक बार फिर से इन पर रोक लग गई है. इससे उन छात्र नेताओं के सपनों पर पानी फिर गया है जो बीते एक साल से चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में साल 2004 से 2009 तक छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए थे. उसके बाद 2010 से निरंतर छात्रसंघ के चुनाव कराए गए. लेकिन कोविड काल में साल 2020 और 2021 में फिर से छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए थे. अब एक बार फिर से इन पर रोक लग गई है. इससे उन छात्र नेताओं के सपनों पर पानी फिर गया है जो बीते एक साल से चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रहे थे.
About the Author
Sandeep Rathore
Journey of journalism started with Dainik Bhaskar Group from year 2000. Former resident editor Rajasthan Patrika Group in Kota and Bhilwara edition. Associated with News18 since January 2017.
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