बेजुबानों की प्यास बुझाता है जोधपुर का यह शख्स, पिछले 4 सालों से जारी है यह मुहिम
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Agency:News18 Rajasthan
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जोधपुर के पास गुडा विश्नोइयां निवासी धर्मेंद्र विश्नोई नामक इस युवा ने और शुरू कर दी एक मुहिम जो पिछले 4 साल से जारी है तो चलिए आपको मिलवाते हैं धर्मेंद्र बिश्नोई से जो हर रोज इन बेजुबानों की प्यास बुझा रहे है.
पुनीत माथुर/ जोधपूर. इंसान को अगर प्यास लगे तो वह किसी से भी पानी मांग कर या खरीद कर पी सकता है. लेकिन जब बेजुबान को प्यास लगे तो वह महज तपती धूप में इधर-उधर भटक सकता है और उसकी किस्मत अच्छी रही तो उसे पानी मिल जाता है. लेकिन कई बार पानी नहीं मिलने के चलते यह बेजुबान काल के ग्रास भी बन जाते हैं. इन बेजुबानों की पीड़ा समझी जोधपुर के पास गुडा विश्नोइयां निवासी धर्मेंद्र विश्नोई नामक इस युवा ने और शुरू कर दी एक मुहिम जो पिछले 4 साल से जारी है तो चलिए आपको मिलवाते हैं धर्मेंद्र बिश्नोई से जो हर रोज इन बेजुबानों की प्यास बुझा रहे है.
रेगिस्तान की तपती धूप जहां तापमान 45 डिग्री से ऊपर रहना सामान्य बात है. इस तापमान में अगर किसी को पानी नहीं मिले तो उसकी हालत कैसी होगी यह आप समझ सकते हैं. अगर वह बेजुबान है तो उसकी हालत और भी खराब होगी. लेकिन इन बेजुबानों की पीड़ा समझी है जोधपुर के गुडा विश्नोइयां गांव निवासी धर्मेंद्र विश्नोई ने जो पिछले 4 सालों से सुबह उठकर अपने ट्रैक्टर में पानी का टैंकर लगाकर निकल जाते है और खेतों में या जहां भी पानी का कुंड खाली मिलता है उसे भरते हैं. साथ ही छोटे तालाब और नाड़ी में भी रोज पानी के टैंकरों से पानी भरते हैं. ताकि वहां से निकलने वाले बेजुबान को पानी मिल सके.
धर्मेंद्र विश्नोई बताते है कि कोरोना काल में जब स्थिति और विकट थी तो उन्होंने इन बेजुबानो को खेतों में भटकते हुए देखा और यह बीड़ा उठाया. फिर पिछले 4 साल से उनका यह काम लगातार जारी है. कई बार टैंकर में पानी भरने के लिए उन्हें काफी जगह घूमना पड़ता है. लेकिन रोजाना तीन से चार टैंकर पानी भरकर वे इन बेजुबानों को पानी मुहैया करवाते हैं. बहरहाल आवश्यकता है धर्मेंद्र द्वारा किए जा रहे इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने की और बेजुबानों के लिए पानी की व्यवस्था कर गर्मी में उन्हें बचाने की व्यवस्था की है.
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