खाटू श्याम में भिखारियों की कटिंग काटने जयपुर से आता है बार्बर, वजह सुन उड़ जाएंगे होश
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Khatu Shyam Temple: यदि मन में कुछ करने की चाह हो तो तमाम मुसीबतों को मात देकर भी समाजसेवा की राहें तलाशी जा सकती है. कुछ ऐसा ही खाटूश्याम में पवन कुमार कर रहे हैं.

सीकर. खाटू श्याम नगरी में जो भिखारी या कचड़ा बीनने वाले हैं उनकी कटिंग करने जयपुर से बार्बर आते हैं. विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम में गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कई एनजीओ और संस्थाएं काम कर रही हैं. वहीं कई हुनरमंद इन बच्चों की खुशियों में तरह-तरह के रंग भी भरने में जुटे हैं. भीख मांगने वाले और कचरा बीनने वाले खानबदोश परिवारों के निरक्षक बच्चों में आखर जोत जलाने के लिए पवन कुमार पिता का फर्ज निभा रहा है. खाटू कस्बे के पवन ओला ने लखदातार जन सेवा समिति के तत्वावधान में आपणी श्याम पाठशाला कि शुरूआत 1 जनवरी 2024 से की थी. यहां वे सैकड़ों भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे हैं.
शुरूआत में 20 बच्चे थे अब सैकड़ों हुए
पवन ने बताया कि 1 जनवरी 2024 को एक-एक झुग्गी झोंपड़ी में जाकर अथक प्रयासों से परिजनों को समझाकर 20 बच्चों को पढ़ने के लिए तैयार किया. करीब 1 महीने पवन ने पढ़ाई करवाई. उसके बाद 5 महीनों में यह संख्या 120 तक पंहुच गई. जिन्हें इस पाठशाला में नि:शुल्क पढ़ाने के साथ पाठ्य सामग्री भी नि:शुल्क दी जा रही है. इस काम में 6 युवा भी बच्चों को पढ़ाने के इस अभियान में शामिल हुए हैं.
पवन ने बताया कि 1 जनवरी 2024 को एक-एक झुग्गी झोंपड़ी में जाकर अथक प्रयासों से परिजनों को समझाकर 20 बच्चों को पढ़ने के लिए तैयार किया. करीब 1 महीने पवन ने पढ़ाई करवाई. उसके बाद 5 महीनों में यह संख्या 120 तक पंहुच गई. जिन्हें इस पाठशाला में नि:शुल्क पढ़ाने के साथ पाठ्य सामग्री भी नि:शुल्क दी जा रही है. इस काम में 6 युवा भी बच्चों को पढ़ाने के इस अभियान में शामिल हुए हैं.
ऑनलाइन और लग्जरी सैलून वाले भी इससे जुड़े
जयपुर में ऑनलाइन और लग्जरी सैलून चलाने वाले ओमप्रकाश सैन भी जरूरमंद परिवारों के बच्चों की मुफ्त में कटिंग करने की ठान ली है. सैन ने जब सोशल के माध्यम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थली खाटूधाम में संचालित आपणी श्याम पाठशाला में भिक्षावृत्ति करने वाले और कचरा बीनने वाले परिवारों के बच्चों को पढ़ते देखा और इसकी पूरी जानकारी जुटाई. जिसके बाद इन जरूरतमंद बच्चों को संवारने की इच्छा लिए वे जयपुर से श्याम नगरी पहुंचे. जहां उन्होंने पाठशाला जाकर वहां पढ़ रहे करीब 120 छात्र छात्राओं के नि:शुल्क बाल काटते है.
जयपुर में ऑनलाइन और लग्जरी सैलून चलाने वाले ओमप्रकाश सैन भी जरूरमंद परिवारों के बच्चों की मुफ्त में कटिंग करने की ठान ली है. सैन ने जब सोशल के माध्यम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थली खाटूधाम में संचालित आपणी श्याम पाठशाला में भिक्षावृत्ति करने वाले और कचरा बीनने वाले परिवारों के बच्चों को पढ़ते देखा और इसकी पूरी जानकारी जुटाई. जिसके बाद इन जरूरतमंद बच्चों को संवारने की इच्छा लिए वे जयपुर से श्याम नगरी पहुंचे. जहां उन्होंने पाठशाला जाकर वहां पढ़ रहे करीब 120 छात्र छात्राओं के नि:शुल्क बाल काटते है.
बच्चों के साथ मनाते है जन्मदिन
इस अभियान से प्रेरित होकर अब कस्बे सहित आसपास के गावों के लोग भी अपने और बच्चों के जन्मदिवस, शादी की सालगीरह, विवाह आदि अवसरों पर इस पाठशाला में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को ड्रेस, जूते, पाठ्य सामग्री और आर्थिक सहयोग करते है. इसके अलावा चूरू जिले के देपालसर गांव में धर्मवीर जाखड़ ने आपणी पाठशाला संचालित कर रखी है. जिसमें पढ़ रहे झुग्गी झोपड़ी के करीब 300 बच्चों की नि:शुल्क कटिंग की सेवा ओमप्रकाश व उनकी टीम जयपुर से आकर करती है. सैन विगत 3 साल से यहां सेवा दे रहे हैं.
इस अभियान से प्रेरित होकर अब कस्बे सहित आसपास के गावों के लोग भी अपने और बच्चों के जन्मदिवस, शादी की सालगीरह, विवाह आदि अवसरों पर इस पाठशाला में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को ड्रेस, जूते, पाठ्य सामग्री और आर्थिक सहयोग करते है. इसके अलावा चूरू जिले के देपालसर गांव में धर्मवीर जाखड़ ने आपणी पाठशाला संचालित कर रखी है. जिसमें पढ़ रहे झुग्गी झोपड़ी के करीब 300 बच्चों की नि:शुल्क कटिंग की सेवा ओमप्रकाश व उनकी टीम जयपुर से आकर करती है. सैन विगत 3 साल से यहां सेवा दे रहे हैं.
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अभिजीत चौहान
न्यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.
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