महाराणा भुपाल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की दबंगई, अधूरा इलाज कर दो मरीजों को निकाला बाहर
Agency:News18Hindi
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उदयपुर के महाराणा भुपाल चिकित्सालय में आज चिकित्सकों के तानाशाही रवैये का नतिजा एक गरीब परिवार के दो मरिजों को भुगतना पडा. दोनों मरिजों को पूरा इलाज मुहैया कराये बिना ही हॉस्पिटल से छुटटी देकर बाहर निकाल दिया गया.

उदयपुर के महाराणा भुपाल चिकित्सालय में आज चिकित्सकों के तानाशाही रवैये का नतिजा एक गरीब परिवार के दो मरिजों को भुगतना पडा. दोनों मरिजों को पूरा इलाज मुहैया कराये बिना ही हॉस्पिटल से छुटटी देकर बाहर निकाल दिया गया.
दोनों पीड़ित सिर, हाथ और छाती पर चोट के गहरे निशान लेकर हॉस्पीटल परिसर में ही चक्कर लगा रहे हैं लकिन इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. दरअसल शंकरसिंह और गुलाबसिंह नाम के ये दोनों मरीज पिछले दिनों ओगणा इलाके में हुई मारपीट के मामले में शामिल थे. मारपीट में दोनो मरिजों को गंभीर चोटे आई थी ऐसे में उन्हें उदयपुर रेफर किया गया था.
दोनों को पिछले तीन दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थे लेकिन इनका आरोप हैं कि चिकित्सकों ने इलाज के नाम पर इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई. शंकर सिंह ने बताया कि ओगणा हॉस्पिटल से जिस अवस्था में रेफर किया गया था उसके बाद उनके घावों पर से पट्टी तक नहीं बदली गई और वर्तमान में उनके घाव और गहरे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं है फिर भी उन्हें छुट्टी दे दी गई है. बता दें कि डॉक्टर्स के इस तरह के बर्ताव की खबरें पहले भी मीडिया के सामने आ चुकी हैं.
दोनों पीड़ित सिर, हाथ और छाती पर चोट के गहरे निशान लेकर हॉस्पीटल परिसर में ही चक्कर लगा रहे हैं लकिन इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. दरअसल शंकरसिंह और गुलाबसिंह नाम के ये दोनों मरीज पिछले दिनों ओगणा इलाके में हुई मारपीट के मामले में शामिल थे. मारपीट में दोनो मरिजों को गंभीर चोटे आई थी ऐसे में उन्हें उदयपुर रेफर किया गया था.
दोनों को पिछले तीन दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थे लेकिन इनका आरोप हैं कि चिकित्सकों ने इलाज के नाम पर इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई. शंकर सिंह ने बताया कि ओगणा हॉस्पिटल से जिस अवस्था में रेफर किया गया था उसके बाद उनके घावों पर से पट्टी तक नहीं बदली गई और वर्तमान में उनके घाव और गहरे हो गए हैं. उन्होंने बताया कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं है फिर भी उन्हें छुट्टी दे दी गई है. बता दें कि डॉक्टर्स के इस तरह के बर्ताव की खबरें पहले भी मीडिया के सामने आ चुकी हैं.
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