Boxing Championship: बॉक्सिंग में धमाल मचा रही मुरादाबाद की गरिमा, नौ बार रह चुकी है स्टेट चैंपियन, पिता से ट्रेनिंग लेकर की शुरुआत
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Boxing Championship: यूपी का मुरादाबाद में आप बेटियों ने भी शहर का नाम रोशन करना शुरू कर दिया है. शहर की बेटियां खेलकूद का क्षेत्र हो या पढ़ाई लिखाई का क्षेत्र हर क्षेत्र में लगातार अपने जिले का नाम रोशन कर रही है. गरिमा अब तक 8 से 9 बार स्टेट चैंपियंस बन चुकी है
मुरादाबाद. यूपी के मुरादाबाद में बेटियों ने भी शहर का नाम रोशन करना शुरू कर दिया है. चाहे खेलकूद हो या पढ़ाई, हर क्षेत्र में मुरादाबाद की बेटियां जिले का नाम ऊंचा कर रही हैं. मुरादाबाद की बॉक्सिंग खिलाड़ी गरिमा सिंह भी इस कड़ी में पीछे नहीं हैं. गरिमा अब तक 8 से 9 बार स्टेट चैंपियन बन चुकी हैं और 3 से 4 बार नेशनल खेल चुकी हैं. उन्होंने एक बार खेलो इंडिया और 3 से 4 बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भी भाग लिया है.
पिता से लिया बॉक्सिंग का प्रशिक्षण
गरिमा को बॉक्सिंग के क्षेत्र में करीब 5 साल हो चुके हैं और वह लगातार अपने जिले और परिवार का नाम रोशन कर रही हैं. उन्होंने अपने पिता राजपाल सिंह से बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लिया था और तभी से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं.
गरिमा को बॉक्सिंग के क्षेत्र में करीब 5 साल हो चुके हैं और वह लगातार अपने जिले और परिवार का नाम रोशन कर रही हैं. उन्होंने अपने पिता राजपाल सिंह से बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लिया था और तभी से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं.
5 साल से खेल रही हैं बॉक्सिंग
बॉक्सिंग खिलाड़ी गरिमा चौहान ने बताया कि वह पिछले 5 साल से लगातार बॉक्सिंग में भाग ले रही हैं. उनके पिता को बॉक्सिंग बहुत पसंद थी और उन्होंने ही गरिमा को इस क्षेत्र में भेजा. गरिमा का कहना है कि वह आगे भी इसी क्षेत्र में सक्रिय रहना चाहती हैं और लगातार बॉक्सिंग करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि इस काम में उनका परिवार उन्हें बहुत सपोर्ट करता है. गरिमा ने लड़कियों को संदेश दिया कि जो लोग पढ़ाई में कमजोर होते हैं, वे खेल के क्षेत्र में आ सकते हैं. अगर उनके पास अच्छा टीचर है, तो वे खेल के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं और अपना भविष्य संवार सकते हैं.
बॉक्सिंग खिलाड़ी गरिमा चौहान ने बताया कि वह पिछले 5 साल से लगातार बॉक्सिंग में भाग ले रही हैं. उनके पिता को बॉक्सिंग बहुत पसंद थी और उन्होंने ही गरिमा को इस क्षेत्र में भेजा. गरिमा का कहना है कि वह आगे भी इसी क्षेत्र में सक्रिय रहना चाहती हैं और लगातार बॉक्सिंग करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि इस काम में उनका परिवार उन्हें बहुत सपोर्ट करता है. गरिमा ने लड़कियों को संदेश दिया कि जो लोग पढ़ाई में कमजोर होते हैं, वे खेल के क्षेत्र में आ सकते हैं. अगर उनके पास अच्छा टीचर है, तो वे खेल के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं और अपना भविष्य संवार सकते हैं.
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