Shaheed Diwas 2023: आगरा में ‘भगवान’ हैं शहीद भगत सिंह, मंदिर भी है; पर जिस हवेली में रहे वह जर्जर है!
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Agra News : 23 मार्च यानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत का दिन. अलग.अलग शहरों में इन क्रांतिकारियों की कई कहानियां मौजूद हैं. आगरा से भगत सिंह का गहरा नाता रहा. कई महीनों तक भगत और उनके साथी आगरा में रहे भी और यहां उनकी यादें खास ढंग से संजोई गई हैं.
रिपोर्ट: हरिकांत शर्मा
आगरा. क्या आप जानते हैं दिल्ली असेंबली में भगत सिंह ने जो बम फोड़ा था, उसे बनाना उन्होंने आगरा में ही रहकर सीखा था? भगत सिंह को आगरावासी क्रांतिकारी के तौर पर नहीं देखते बल्कि इससे भी कहीं ज्यादा भगवान की तरह पूजते हैं. आगरा के दूरी दरवाजे पर भगत सिंह का बाकायदा एक मंदिर बना हुआ है. यहां भगत सिंह की सुबह-शाम पूजा और आरती की जाती है. क्रांतिकारियों को याद किया जाता है. आगरा में एक पुरानी हवेली में भी भगत सिंह की यादों को सहेजने की कवायद चल रही है.
बात 1927 की है जब एक अंग्रेज अधिकारी जेपी सैंडर्स के आदेश से हुए लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी. सैंडर्स को मारकर भगत सिंह, राजगुरु फरार हो गए थे. उसके बाद वे आगरा पहुंचे, यहां वे नूरी दरवाजा स्थित भरतपुर के राजा भागीमल की हवेली में मकान नंबर 1784 में रुके थे. यह मकान उन्होंने छन्नूलाल से ढाई रुपया एडवांस देकर 5 रुपए महीने पर किराए पर लिया था.
8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली दिल्ली में जो बम भगत सिंह ने फोड़ा था, उसका परीक्षण यहीं जंगलों में करते थे. तब आसपास घने जंगल हुआ करते थे. गोली चलाने का अभ्यास भी यहीं हवेली के पास के जंगलों में होता था ताकि अंग्रेजों को भनक न लग सके. हवेली में बाहर निकलने के तीन दरवाजे थे. एक मुख्य दरवाजा और दो दरवाजे पीछे की ओर. अगर अंग्रेजों से कोई खतरा होता था तो भगत या अन्य क्रांतिकारी पीछे के दरवाजे से निकलकर जंगलों में नाले के सहारे कच्चे रास्ते से होकर अपना ठिकाना बदल दिया करते थे.
खंडहर में तब्दील हो गई भगत सिंह की हवेली!
भगत सिंह जिस कमरे में रहे थे, वह अब पूरी तरह से खंडहर हो गया है. यह हवेली उस समय के छन्नूलाल के परिवारजनों के पास है. इसके कुछ हिस्से को बेच दिया गया है. हवेली के नीचे अब दुकानें हैं. इन्हीं दुकानों के ऊपर वह कमरा है, जहां भगत सिंह रहते थे. यह कमरा जर्जर हो गया है. सरकार भी पैसा लगाना नहीं चाहती क्योंकि प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा है.
कई बार अखबारों में छपने के बाद अब यहां के लोगों के सहयोग से भगत सिंह के कमरे को संरक्षित करने की कवायद की जा रही है. फिलहाल इस कमरे की साफ सफाई कराकर इसमें ताला लगा दिया गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि आने वाले समय में प्रशासन की मदद से इसमें भगत सिंह का संग्रहालय बनाए जाने की योजना है.
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Bhavesh Saxena
दो दशक से पत्रकारिता, साहित्य व शायरी में समानांतर हस्तक्षेप, राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेबसाइट्स पर राजनीति, कला साहित्य, अपराध, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में रचनात्मक लेखन, संपादन एवं मल्टीमीडिय...और पढ़ें
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