जानिए कौन है पूजा शकुन पांडेय, जिसने महात्मा गांधी के पुतले को मारी थी 'गोली'
Agency:News18 Uttar Pradesh
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पूजा शकुन पांडेय उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की नेता हैं. साथ ही वह महंत और हिंदू न्यायपीठ की न्यायधीश भी हैं.

अलीगढ़ में महात्मा गांधी के पुतले को 30 जनवरी के दिन गोली मारने वाली अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय और उसके पति अशोक कुमार को नोएडा से गिरफ्तार किया गया है. बापू की पुण्यतिथि के मौके पर गांधी की हत्या का पुनःचित्रण की शर्मनाक हरकत करने वाली पूजा शकुन पांडेय का विवादों से गहरा नाता रहा है.
पूजा शकुन पांडेय उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की नेता हैं. साथ ही वह महंत और हिंदू न्यायपीठ की न्यायधीश भी हैं. हालांकि पूजा शकुन पांडेय खुद को मोदी विरोधी बताते हुए कहती हैं कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ी हैं. सुर्ख़ियों में बने रहने की उनकी चाहत उन्हें विवादों में भी बनाए रखती है. हिंदू धर्म और जीवों से बहुत लगाव है. यही वजह है कि वे बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को जिस दिन फांसी दी गई उसे शहादत दिवस के रूप में मनाती हैं. उनका कहना है कि नाथूराम गोडसे हिन्दुओं के लिए महात्मा हैं जबकि गांधी भारत के विभाजन की वजह. उनका यह भी कहना है कि अगर गोडसे से पहले वह पैदा होती तो वे खुद गांधी को मार देतीं.
इतना ही गायों और अन्य जीवों से भी उनका लगाव कम नहीं है. यही वजह है कि वे एको फ्रेंडली बकरीद मनाने की वकालत करती हैं. बकरियों के पार्टी उनके प्रेम तो अलग बात है, लेकिन वे गाय को लेकर भी काफी भावुक हैं. उन्होंने गौरक्षकों के लिए मुआवजा, सरकारी नौकरी और वीरता पुरस्कार की मांग तक की है.
नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाली पूजा शकुन पांडेय हिंदू अदालत को लेकर भी कानूनी विवादों में हैं. शरिया अदालत की तर्ज पर हिंदू अदालत बनाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर जानकारी मांगी है.
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पूजा शकुन पांडेय उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की नेता हैं. साथ ही वह महंत और हिंदू न्यायपीठ की न्यायधीश भी हैं. हालांकि पूजा शकुन पांडेय खुद को मोदी विरोधी बताते हुए कहती हैं कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ी हैं. सुर्ख़ियों में बने रहने की उनकी चाहत उन्हें विवादों में भी बनाए रखती है. हिंदू धर्म और जीवों से बहुत लगाव है. यही वजह है कि वे बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को जिस दिन फांसी दी गई उसे शहादत दिवस के रूप में मनाती हैं. उनका कहना है कि नाथूराम गोडसे हिन्दुओं के लिए महात्मा हैं जबकि गांधी भारत के विभाजन की वजह. उनका यह भी कहना है कि अगर गोडसे से पहले वह पैदा होती तो वे खुद गांधी को मार देतीं.
इतना ही गायों और अन्य जीवों से भी उनका लगाव कम नहीं है. यही वजह है कि वे एको फ्रेंडली बकरीद मनाने की वकालत करती हैं. बकरियों के पार्टी उनके प्रेम तो अलग बात है, लेकिन वे गाय को लेकर भी काफी भावुक हैं. उन्होंने गौरक्षकों के लिए मुआवजा, सरकारी नौकरी और वीरता पुरस्कार की मांग तक की है.
नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाली पूजा शकुन पांडेय हिंदू अदालत को लेकर भी कानूनी विवादों में हैं. शरिया अदालत की तर्ज पर हिंदू अदालत बनाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर जानकारी मांगी है.
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