Loksabha Election 2024: प्रयागराज लोकसभा सीट पर रीता बहुगुणा जोशी की जगह मिल सकता हैं इस पूर्व नौकरशाह को टिकट
Last Updated:
Prayagraj Loksabha Seat: फूलपुर संसदीय सीट से जहां मौजूदा सांसद केसरी देवी पटेल पर बीजेपी दोबारा दांव लगा सकती है, तो वहीं इलाहाबाद संसदीय सीट पर मौजूदा सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी के टिकट पर सस्पेंस बरकरार है. ऐसी चर्चा है कि बीजेपी यहां पर पूर्व नौकरशाह संजय मिश्र पर दांव लगा सकती है.

प्रयागराज. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने 195 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. यूपी के भी 51 प्रत्याशियों की सूची जारी हो चुकी है, लेकिन प्रयागराज मंडल की पांच लोकसभा सीटों में से अभी सिर्फ दो लोकसभा सीटों पर ही बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किए हैं. इसमें प्रतापगढ़ सीट से मौजूदा सांसद संगम लाल गुप्ता और फतेहपुर सीट से मौजूदा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. जबकि प्रयागराज की फूलपुर संसदीय सीट, इलाहाबाद संसदीय सीट के साथ ही कौशांबी संसदीय सीट पर पार्टी ने उम्मीदवार तय नहीं किया है. इन सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक फूलपुर संसदीय सीट पर बीजेपी एक बार फिर से मौजूदा सांसद के केसरी देवी पटेल पर दांव लगा सकती है. पटेल बाहुल्य इस सीट पर केसरी देवी पटेल ने एक लाख 71 हजार 968 वोटों के अंतर से इस सीट पर 2019 में जीत दर्ज की थी. लेकिन इलाहाबाद संसदीय सीट पर मौजूदा सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी को दोबारा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि बीते दो सालों में बीजेपी सांसद लगातार अपने क्षेत्र में बनी रही और उन्होंने जमकर जनसंपर्क भी किया है.
बीजेपी संजय मिश्रा पर लगा सकती है दांव
हालांकि चर्चा यह है कि इलाहाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी पूर्व नौकरशाह संजय मिश्र पर दांव लगा सकती है. पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल को यादगार बनाना चाहते हैं. इसके लिए वह कई नए प्रयोग भी करने जा रहे हैं. 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी संजय मिश्रा ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर रहे हैं. उन्होंने कई रसूखदार नेताओं को जेल भेजने का काम किया था. उनकी कार्यशैली को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीन बार उन्हें सेवा विस्तार भी दिया था. संजय मिश्रा ने इनकम टैक्स कमिश्नर रहते हुए भी बड़ी कार्रवाई की थी.
हालांकि चर्चा यह है कि इलाहाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी पूर्व नौकरशाह संजय मिश्र पर दांव लगा सकती है. पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल को यादगार बनाना चाहते हैं. इसके लिए वह कई नए प्रयोग भी करने जा रहे हैं. 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी संजय मिश्रा ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर रहे हैं. उन्होंने कई रसूखदार नेताओं को जेल भेजने का काम किया था. उनकी कार्यशैली को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीन बार उन्हें सेवा विस्तार भी दिया था. संजय मिश्रा ने इनकम टैक्स कमिश्नर रहते हुए भी बड़ी कार्रवाई की थी.
प्रयागराज के ही रहने वाले हैं संजय मिश्रा
संजय मिश्रा मूल रूप से संगम नगरी प्रयागराज के ही रहने वाले हैं. हालांकि उनका जन्म लखनऊ में हुआ था. वह मूल रूप से मेजा तहसील के छतवा गांव के रहने वाले हैं. यह गांव मेजा रोड़ से सिरसा बाजार जाने वाले रास्ते पर पड़ता है. हालांकि अभी संजय मिश्रा सक्रिय राजनीति में नहीं उतरे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पीएम मोदी के निर्देश पर वह चुनाव लड़ेंगे और चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी अपनी तीसरी पारी में उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी भी दे सकते हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी कई नौकरशाहों को सक्रिय राजनीति में ला चुके हैं. यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा गुजरात में आईएएस अफसर रहे हैं. पीएम मोदी के खास पसंद रहे एके शर्मा रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आए और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व को भी संभाल रहे हैं.
संजय मिश्रा मूल रूप से संगम नगरी प्रयागराज के ही रहने वाले हैं. हालांकि उनका जन्म लखनऊ में हुआ था. वह मूल रूप से मेजा तहसील के छतवा गांव के रहने वाले हैं. यह गांव मेजा रोड़ से सिरसा बाजार जाने वाले रास्ते पर पड़ता है. हालांकि अभी संजय मिश्रा सक्रिय राजनीति में नहीं उतरे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पीएम मोदी के निर्देश पर वह चुनाव लड़ेंगे और चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी अपनी तीसरी पारी में उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी भी दे सकते हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी कई नौकरशाहों को सक्रिय राजनीति में ला चुके हैं. यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा गुजरात में आईएएस अफसर रहे हैं. पीएम मोदी के खास पसंद रहे एके शर्मा रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आए और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व को भी संभाल रहे हैं.
कौशाम्बी सीट से कट सकता है मौजूदा सांसद का टिकट
वहीं तो कौशांबी सीट की अगर बात करें तो दो बार के मौजूदा सांसद विनोद सोनकर का भी बीजेपी टिकट काट सकती है. इस सीट पर बीजेपी बाहरी उम्मीदवार को पार्टी ज्वाइन करा कर प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर सकती है. कौशांबी सीट पर सबसे ज्यादा समाजवादी के पार्टी से सांसद रहे शैलेंद्र कुमार का नाम चर्चाओं में है. वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में रहे हैं और तीन बार सांसद भी रहे हैं. उनकी दलित वोटरों पर मजबूत पकड़ भी मानी जाती है. हालांकि मौजूदा समय में वह रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता से जुड़े हुए हैं. बीजेपी अगर शैलेंद्र को बीजेपी से चुनाव मैदान में उतरती है तो कौशांबी लोकसभा सीट की दो विधानसभा सीटें जो कि प्रतापगढ़ जिले की हैं उन सीटों पर भी बीजेपी को राजा भैया से खासी मदद मिल सकती है.
वहीं तो कौशांबी सीट की अगर बात करें तो दो बार के मौजूदा सांसद विनोद सोनकर का भी बीजेपी टिकट काट सकती है. इस सीट पर बीजेपी बाहरी उम्मीदवार को पार्टी ज्वाइन करा कर प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर सकती है. कौशांबी सीट पर सबसे ज्यादा समाजवादी के पार्टी से सांसद रहे शैलेंद्र कुमार का नाम चर्चाओं में है. वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में रहे हैं और तीन बार सांसद भी रहे हैं. उनकी दलित वोटरों पर मजबूत पकड़ भी मानी जाती है. हालांकि मौजूदा समय में वह रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता से जुड़े हुए हैं. बीजेपी अगर शैलेंद्र को बीजेपी से चुनाव मैदान में उतरती है तो कौशांबी लोकसभा सीट की दो विधानसभा सीटें जो कि प्रतापगढ़ जिले की हैं उन सीटों पर भी बीजेपी को राजा भैया से खासी मदद मिल सकती है.
बीजेपी यूपी की बची लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने के लिए मंथन में जुटी है. बीजेपी ने देश में 400 पार और यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत का दावा किया है. यही वजह है कि प्रत्याशी हर एक सीट को पूरी गंभीरता से ले रही है. बीजेपी जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने के बाद ही जिताऊ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर जा रही है.
About the Author
Principal Correspondent, Lucknow
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें