कोटा का होगा लाभ, मिल जाएगी सरकारी नौकरी, अगर कॉलेज में कर ली ये एक्टिविटी
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जिला मुख्य आयुक्त रोवर्स रेंजर्स एवं टीडी कॉलेज प्राचार्य प्रो. रवींद्रनाथ मिश्र ने बताया कि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर बलिया का विश्वविद्यालय स्तर पर रोवर्स रेंजर्स का समागम होने वाला है.
सनन्दनउपाध्याय/बलिया: जनपद में होने वाला रोवर्स रेंजर्स विश्वविद्यालय समागम से यूनिवर्सिटी और उसके संबंधित महाविद्यालयों में रोवर्स रेंजर्स कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम से विश्वविद्यालय के छात्रों में खुशी का माहौल है यह पूरा समागम देश से जुड़ा हुआ है और यही से बच्चे निकालकर राज्यपाल और राष्ट्रपति से पदक प्राप्त करते हैं. जिसके बाद रेलवे और उच्च शिक्षा में प्रवेश जैसे कई सेवाओं में वरीयता भी मिलती है. इन बच्चों को पूरी तरह से देश और राष्ट्र हित में एक्सपर्ट बनाया जाता है. यही बच्चे आपदा प्रबंधन के समय समाज को बचाने के लिए आगे आते हैं. देशहित में होने वाला यह बलिया का समागम छात्रों को आगे बढ़ने का मौका देगा. इसमें जिलेभर के महाविद्यालय के सभी छात्र/छात्राएं प्रतिभाग कर सकते हैं.
जिला मुख्य आयुक्त रोवर्स रेंजर्स एवं टीडी कॉलेज प्राचार्य प्रो. रवींद्रनाथ मिश्र ने बताया कि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर बलिया का विश्वविद्यालय स्तर पर रोवर्स रेंजर्स का समागम 06 और 07 मार्च को होने वाला है. जिसकी तैयारी जोरों शोरों पर चल रही है. इसमें जनपद के किसी भी महाविद्यालय के बच्चें जो रोवर्स रेंजर्स के है वो प्रतिभाग कर सकते हैं. जिसके पंजीकरण या नवीनीकरण के लिए शुल्क ऑनलाइन जमा करने का समय निर्धारित कर दिया गया है.
बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है
स्काउट यानी छात्र गाइड इंटर तक यह स्काउट गाइड रहता है और उच्च शिक्षा में रोवर्स रेंजर्स बन जाता है. जिसमें छात्र-छात्राएं सदस्य होती हैं. यह विशेष रूप से पूरी तरह से देश हित के लिए बनाया गया है. विभिन्न आपदा या विभिन्न संकटों के समय समाज को कैसे बचाया जाए. इसके लिए खास करके इन बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता है और फिर यही बच्चे आपदा प्रबंधन के समय क्रियाशील होते हैं. इन बच्चों को जैसे कम समय में तंबू बनाना, मार्च निकालना और पुल बनाना जैसी अनेक गतिविधियों में एक्सपर्ट बनाया जाता है. इसमें बच्चों को पुरस्कृत के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद रेलवे में वरीयता मिलता है. इस महत्वपूर्ण समागम में जिले के किसी भी महाविद्यालय के रोवर्स रेंजर्स प्रतिभाग कर सकते हैं. इसमें प्रथम द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले रोवर्स रेंजर्स को प्रादेशिक स्तर पर जाने का मौका मिलता है.
स्काउट यानी छात्र गाइड इंटर तक यह स्काउट गाइड रहता है और उच्च शिक्षा में रोवर्स रेंजर्स बन जाता है. जिसमें छात्र-छात्राएं सदस्य होती हैं. यह विशेष रूप से पूरी तरह से देश हित के लिए बनाया गया है. विभिन्न आपदा या विभिन्न संकटों के समय समाज को कैसे बचाया जाए. इसके लिए खास करके इन बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता है और फिर यही बच्चे आपदा प्रबंधन के समय क्रियाशील होते हैं. इन बच्चों को जैसे कम समय में तंबू बनाना, मार्च निकालना और पुल बनाना जैसी अनेक गतिविधियों में एक्सपर्ट बनाया जाता है. इसमें बच्चों को पुरस्कृत के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद रेलवे में वरीयता मिलता है. इस महत्वपूर्ण समागम में जिले के किसी भी महाविद्यालय के रोवर्स रेंजर्स प्रतिभाग कर सकते हैं. इसमें प्रथम द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले रोवर्स रेंजर्स को प्रादेशिक स्तर पर जाने का मौका मिलता है.
इन सुविधाओं में मिलेगी वरीयता
छात्र-छात्राओं में इसके तहत समाज सेवा के साथ सर्वांगीण विकास होता है. बच्चों में आगे बढ़ने का भाव पैदा होता है. अन्य लोगों के प्रति इन बच्चों के मन में करुणा, दया और उदारता का भाव उत्पन्न होता हैं. आपदा के समय में समाज की सहायता करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इन बच्चों को उच्च कक्षा में प्रवेश करने पर भी छूट मिलता है. भारतीय रेल में भी इन बच्चों का एक विंग है. दरअसल इसमें प्रवेश और निपुण जैसे तमाम प्रशिक्षण कराए जाते हैं प्रमाण पत्र दिए जाते हैं और आगे चलकर राष्ट्रपति पुरस्कार तक छात्र पहुंच जाता है. जब छात्र राज्यपाल और राष्ट्रपति का पदक प्राप्त कर लेता है तो उसे सेवाओं में भी आरक्षण मिलने लगता है. रेलवे के भर्ती में भी इन बच्चों को वरीयता मिलती है.
छात्र-छात्राओं में इसके तहत समाज सेवा के साथ सर्वांगीण विकास होता है. बच्चों में आगे बढ़ने का भाव पैदा होता है. अन्य लोगों के प्रति इन बच्चों के मन में करुणा, दया और उदारता का भाव उत्पन्न होता हैं. आपदा के समय में समाज की सहायता करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इन बच्चों को उच्च कक्षा में प्रवेश करने पर भी छूट मिलता है. भारतीय रेल में भी इन बच्चों का एक विंग है. दरअसल इसमें प्रवेश और निपुण जैसे तमाम प्रशिक्षण कराए जाते हैं प्रमाण पत्र दिए जाते हैं और आगे चलकर राष्ट्रपति पुरस्कार तक छात्र पहुंच जाता है. जब छात्र राज्यपाल और राष्ट्रपति का पदक प्राप्त कर लेता है तो उसे सेवाओं में भी आरक्षण मिलने लगता है. रेलवे के भर्ती में भी इन बच्चों को वरीयता मिलती है.
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