बेहद अनोखे हैं तितलियों के यह नाम, जानिए कौन है तिरंगा राजा, गुलाबी, आम्रपाली और मोतीमाला
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Agency:News18 Uttar Pradesh
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14 मार्च तितली दिवस पर आज कई तितलियों के हिंदी नाम आपको लोकल 18 की टीम बताएगी. जिसमें उनके नाम बेहद अतरंगी है.

रजत भटृ/गोरखपुर: तितलियों की कई प्रजाति हम देखते हैं लेकिन कई बार हमें उनका नाम नहीं याद होता. क्योंकि उनके कुछ नाम इंग्लिश में होते हैं तो कुछ बहुत ही डिफिकल्ट, लेकिन तितली दिवस पर आज कई ऐसे तितलियों के नाम हम आपको बताएंगे जिन्हें हिंदी में बेहद आसानी से आप आने वाले समय मे पढ़ सकते हैं. दरअसल, तितली नामकरण सभा ने पहले चरण में तितलियों के आकार रंग और खान-पान के आधार पर, 213 तितलियों का अनोखा नामकरण किया है जो हिंदी में है. इन तितलियों के रंग रूप और खान-पान के आधार पर उनके अनोखे नाम रखे गए हैं.
तितली दिवस पर आज कई तितलियों के नाम हम आपको बताएंगे जिसमें उनके नाम बेहद अतरंगी है. दरअसल, नामकरण सभा में शामिल दोहरीघाट में तैनात रतेंद्र पांडे बताते हैं कि, शहर और देहात में लगभग 1400 प्रजाति की तितलियां मौजूद है. लेकिन कई बार लोग इन तितलियों के नाम नहीं जान पाते, लेकिन वहीं अब 213 तितलियों को उनके रंग, रूप, खानपान के आधार पर उनका हिंदी में नामकरण किया गया है.
गुलाबी आम्रपाली, रत्नमाला और मोतीमाला
जैसे यूथालिया लब्यूनटिना को गुलाबी आम्रपाली, पैपलियो बुद्धा को माललबारी मयूरी, कैपरोना रैनसौनेटी को अंगद, गेंगरा मेटाप्या को ललौंछ रक्तनयन, कोलोटिस अमाटा को छोटा मरुधर, कैराकेक्स बर्नड्यूस को तिंरगा राजा, वही देश में सबसे बड़ी पाए जाने वाली तितली गोल्डन बर्डविंग को ‘रंगोली जटायू’ तो सबसे छोटी तितली ग्रास जेवल को ‘रत्नमाला’ नाम दिया गया है.
जैसे यूथालिया लब्यूनटिना को गुलाबी आम्रपाली, पैपलियो बुद्धा को माललबारी मयूरी, कैपरोना रैनसौनेटी को अंगद, गेंगरा मेटाप्या को ललौंछ रक्तनयन, कोलोटिस अमाटा को छोटा मरुधर, कैराकेक्स बर्नड्यूस को तिंरगा राजा, वही देश में सबसे बड़ी पाए जाने वाली तितली गोल्डन बर्डविंग को ‘रंगोली जटायू’ तो सबसे छोटी तितली ग्रास जेवल को ‘रत्नमाला’ नाम दिया गया है.
नहीं थे अब तक हिंदी नाम
नामकरण सभा में शामिल तितली विशेषज्ञ व UP राज्य पर्यटन निगम में प्रबंधक के पद पर दोहरीघाट में तैनात रतेंद्र पांडे बताते हैं कि, तितलियों के अब तक बंगाली, मलयालम और मराठी भाषा में नामकरण हो चुके थे लेकिन अब तक हिंदी में नहीं हुआ था. अब हिंदी में रखे गए नाम को नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज NCBS को भेजा जाएगा. जिससे आम लोगो को भी इसकी जानकारी होगी. वह भी इसे पहचान सकेंगे. साथ ही NCBS अपने पोर्टल पर भी इसे अपलोड करेगा. इस पर काम भी शुरु कर दिया गया है.
नामकरण सभा में शामिल तितली विशेषज्ञ व UP राज्य पर्यटन निगम में प्रबंधक के पद पर दोहरीघाट में तैनात रतेंद्र पांडे बताते हैं कि, तितलियों के अब तक बंगाली, मलयालम और मराठी भाषा में नामकरण हो चुके थे लेकिन अब तक हिंदी में नहीं हुआ था. अब हिंदी में रखे गए नाम को नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज NCBS को भेजा जाएगा. जिससे आम लोगो को भी इसकी जानकारी होगी. वह भी इसे पहचान सकेंगे. साथ ही NCBS अपने पोर्टल पर भी इसे अपलोड करेगा. इस पर काम भी शुरु कर दिया गया है.
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Manish Rai
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या...और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या... और पढ़ें
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