Hathras Stampede : भोले बाबा हमेशा पहनता था सफेद कपड़े, चौंका देगा असली नाम, कैसे बना नारायण साकार हरि?
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Hathras Stampede : हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में करीब 100 से ज्यादा लोगों की दुखद मौत हो गई. कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर होगी. हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है. बाबा हमेशा सफेद कपड़े पहनता था.

हाथरस. हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में करीब 100 से ज्यादा लोगों की दुखद मौत हो गई. करीब 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. हाथरस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है. मृतकों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश सीएम योगी ने दिए हैं. मुख्यमंत्री स्वयं रख रहे पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर रख रहे हैं. दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने मौके पर भेजा है. एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर होगी. सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. जानकारी के मुताबिक, प्रवचन खत्म होने के बाद भोले बाबा उर्फ सरकार हरि की गाड़ी के पीछे श्रद्धालु भागे थे. श्रद्धालु बाबा के पैर छूने और आशीर्वाद लेना चाह रहे थे. इस वजह से भगदड़ मच गई.
Hathras Stampede : भोले बाबा सत्संग में नहीं थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, इस वजह से मची भगदड़
कौन है भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का असली नाम सूरज पाल है. सत्संग में यह बाबा कहते था कि कि मैं पहले आईबी में नौकरी करता था. यूपी पुलिस में भी रहा है, ऐसा दावा किया जाता है कि वीआरएस लेकर बाबा बन गए. नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा एटा के पटियाली तहसील के गांव बहादुर नगरी का रहने वाला है. बाबा ने तैनाती के दौरान सत्संग शुरू किया. फिर नौकरी छोड़कर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गया और पटियाली में अपना आश्रम बनाया.
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का असली नाम सूरज पाल है. सत्संग में यह बाबा कहते था कि कि मैं पहले आईबी में नौकरी करता था. यूपी पुलिस में भी रहा है, ऐसा दावा किया जाता है कि वीआरएस लेकर बाबा बन गए. नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा एटा के पटियाली तहसील के गांव बहादुर नगरी का रहने वाला है. बाबा ने तैनाती के दौरान सत्संग शुरू किया. फिर नौकरी छोड़कर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गया और पटियाली में अपना आश्रम बनाया.
बाबा ने खुद दावा किया था कि 26 साल पहले वो सरकारी नौकरी छोड़ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग गांव-कस्बे में धार्मिक प्रवचन करने लगे थे. भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं.
कार्यक्रम की अनुमति ली गई थी लेकिन इंतजाम पर्याप्त नहीं थे. मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति के नाम से हाथरस में कई जगहों पर पोस्टर लगे हैं. पोस्टर में कई आयोजकों का नाम दर्ज हैं.
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Chaturesh Tiwari
An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें
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