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कभी शमशान था मां मसानी देवी का मंदिर, आज है भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र, जानें इतिहास

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मां मसानी देवी मंदिर में दूर-दराज से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. एक समय था जब यह स्थान एक शमशान था. एक दिन बंजारों की एक टोली माता की मूर्ति को लेकर यहां से गुजर रही थी. लेकिन मूर्ति इस स्थल से आगे नहीं बढ़ सकी. इसके बाद माता की मूर्ति की स्थापना इसी स्थल पर की गई. आज ये मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है.

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ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी संस्कृति, खानपान के साथ ही धार्मिक विविधता और आस्था के स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. इनमें से ही एक स्थल है मां मसानी देवी का मंदिर, जो आदतगंज में स्थित है. इस मंदिर का इतिहास बेहत अनोखा है, जिसे शमशान स्थल से एक पूज्य मंदिर तक की यात्रा के रूप में देखा जा सकता है. मंदिर के पुजारी ने बताया की एक समय था जब यह स्थान एक शमशान था. एक दिन बंजारों की एक टोली माता की मूर्ति को लेकर यहां से गुजर रही थी. लेकिन मूर्ति इस स्थल से आगे नहीं बढ़ सकी.

इसके बाद माता की मूर्ति की स्थापना इसी स्थल पर की गई. मंदिर की पुजारन रजनी श्रीमाली के अनुसार यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विशेष रूप से यहां कहा जाता है कि नि:संतान दंपतियों को माता के दर्शन से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
दूर दराज से आते हैं भक्त
इस मंदिर की आस्था और श्रद्धा को देखते हुए, लोग दूर-दराज से यहां दर्शन करने आते हैं. मां मसानी देवी का मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थल है जहां लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की उम्मीद लेकर आते हैं. अगर आप भी इस मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं तो आप को मां ‘मंसानी देवी मंदिर’ आना होना होगा. आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं.
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