UP Election Result 2022: क्या शिफ्ट हो रहा है कुर्मी जाति का वोट? पढ़ें चुनाव परिणाम के चौंकाने वाले संकेत
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Agency:News18Hindi
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UP Election News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आ चुके हैं. BJP ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सत्ता में वापसी की है. वहीं, अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का लगातार दूसरी बार चुनावी पराजय का सामना करना पड़ा है. इस बार के चुनाव परिणाम से कई चौंकाने वाले संकेत सामने आए हैं. इन्हीं में से एक है कुर्मी जाति में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे सामने आ चुके हैं. BJP ने लगातार दूसरी बार स्पष्ट बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता में वापसी की है, जबकि समाजवादी पार्टी को लगातर चुनावी हार का सामना करना पड़ा है. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के लिए इस बार के चुनाव में सकारात्मक संकेत सामने आए हैं. विपक्षी दलों के लिए इसे बेहतर कहा जा सकता है. इस बार के गैर यादव OBC (Non Yadav OBCs) में आने वाली कुर्मी जाति के वोट बैंक में बदलाव की झलक मिली है. गैर यादव जातियों में कुर्मी (Kurmi Vote Bank) का उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दबदबा है. मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, सोनभद्र, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, बरेली, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, कानपुर, बांदा, उन्नाव और चित्रकूट जिलों में कुर्मी जाति की अच्छी-खासी आबादी है. भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की इस जाति पर अच्छी पकड़ मानी जाती है, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजों में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
UP इलेक्शन 2022 के नतीजे सामने आ चुके हैं. साल 2017 के चुनाव में 34 कुर्मी प्रत्याशी निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार यह संख्या 41 तक पहुंच गई है. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की ओर से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 2 कुर्मी प्रत्याशी विधायक बनने में सफल रहे थे. इस बार सपा के कुर्मी विधायकों की संख्या 13 तक जा पहुंची है. उपलब्ध आंकड़ों को देखें तो इस बार सपा के कुर्मी विधायकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. कुर्मी जाति में इस बार समाजवादी पार्टी अपना पैर जमाने में बेहतर सफलता हासिल की है.
सपा के कुर्मी प्रत्याशियों का प्रदर्शन
इस बार के विधानसभा चुनाव का एक बड़ा दिलचस्प पहलू यह भी रहा कि सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे कुर्मी जाति के उम्मीदवारों ने 3 मंत्रियों को शिकस्त दी है. इनमें सबसे बड़ा नाम सिराथू विधानसभा सीट से इस बार का चुनाव हारने वाले केशव प्रसाद मौर्य का है. केशव मौर्य को सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को भी इस बार हार का सामना करन पड़ा है. उन्हें कुख्यात डकैत ददुआ के भतीजे राम सिंह पटेल ने 22 से ज्यादा मतों से हराया. पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर चंद्रिका उपाध्याय को अनिल प्रधान ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
इस बार के विधानसभा चुनाव का एक बड़ा दिलचस्प पहलू यह भी रहा कि सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे कुर्मी जाति के उम्मीदवारों ने 3 मंत्रियों को शिकस्त दी है. इनमें सबसे बड़ा नाम सिराथू विधानसभा सीट से इस बार का चुनाव हारने वाले केशव प्रसाद मौर्य का है. केशव मौर्य को सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को भी इस बार हार का सामना करन पड़ा है. उन्हें कुख्यात डकैत ददुआ के भतीजे राम सिंह पटेल ने 22 से ज्यादा मतों से हराया. पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर चंद्रिका उपाध्याय को अनिल प्रधान ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
बड़ी सफलता
भाजपा के कब्जे वाली या फिर जहां पार्टी ने मौजूदा विधायकों को ही फिर से टिकट दिया था, विधानसभा की वैसी 7 सीटों पर सपा के कुर्मी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. बीजेपी के कब्जे वाली इन 7 सीटों में मेजा, लहरपुर, रानीगंज, रुधौली, सगरी, कप्तानगंज और टांडा सीटें शामिल हैं. इन सभी सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार के चुनाव में सपा के कुर्मी प्रत्याशियों ने भाजपा उम्मीदवारों को हरा दिया.
भाजपा के कब्जे वाली या फिर जहां पार्टी ने मौजूदा विधायकों को ही फिर से टिकट दिया था, विधानसभा की वैसी 7 सीटों पर सपा के कुर्मी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. बीजेपी के कब्जे वाली इन 7 सीटों में मेजा, लहरपुर, रानीगंज, रुधौली, सगरी, कप्तानगंज और टांडा सीटें शामिल हैं. इन सभी सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार के चुनाव में सपा के कुर्मी प्रत्याशियों ने भाजपा उम्मीदवारों को हरा दिया.
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