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UP Nagar Nikay Chunav: योगी सरकार ने OBC आरक्षण के लिए किया आयोग का गठन, ट्रिपल टी फार्मूले पर होगा सर्वे

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UP Local Body Election: यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी की योगी सरकार 24 घंटे के भीतर 5 सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया. यह आयोग ट्रिपल टी फार्मूले के आधार पर पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण को लागू कर ही निकाय चुनाव करवाया जाएगा.

UP Nagar Nikay Chunav: योगी सरकार ने OBC आरक्षण के लिए किया आयोग का गठनUP Nikay Chunav: OBC आरक्षण के लिए किया गया आयोग का गठन (सीएम की फाइल फोटो)
लखनऊ. यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी की योगी सरकार 24 घंटे के भीतर 5 सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया. यह आयोग ट्रिपल टी फार्मूले के आधार पर पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण को लागू कर ही निकाय चुनाव करवाया जाएगा. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव करवाने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ़ कर दिया था कि निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं कराए जायेंगे. इसके बाद ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग के गठन को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन मंजूरी दी गई और पांच सदस्यीय आयोग का गठन कर ट्रिपल टी फार्मूले को लागू करने के आदेश दिए. इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह को बनाया गया है. इसके अलावा पूर्व आईएएस चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, पूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी बृजेश कुमार सोनी को सदस्य बनाया गया है. ये आयोग राज्यपाल की सहमति से 6 महीने के लिए गठित किया गया है, जो जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा.
हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश
गौरतलब है कि मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ओबीसी आरक्षण को लेकर रैंडम टेस्ट को गलत करार देते हुए आरक्षण के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था. साथ ही कहा था कि सरकार ओबीसी आरक्षण वाली सीटों को सामान्य घोषित करते हुए तत्काल चुनाव करवाए। या फिर पिछड़ा आयोग का गठन कर प्रक्रिया को 31 जनवरी तक पूरा करे. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए पिछड़ा विरोधी करार दिया था.

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है सरकार 
दरअसल, सरकार हाईकोर्ट के 31 जनवरी तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक सर्कार लीगल एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा कर रही है. सरकार सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए इसकी समयसीमा बढ़ाने के लिए अनुरोध करेगी.

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Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाता
Principal Correspondent, Lucknow
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