क्या है JPNIC ? 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट को लेकर अखिलेश यादव और सीएम योगी में क्यों ठनी?
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Agency:News18 Uttar Pradesh
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JPNIC Controversy : लखनऊ के गोमती नगर के विपिन खंड में 18.64 एकड़ में बनाया गया जेपीएनआईसी प्रोजेक्ट आठ साल से बंद पड़ा है. करीब 1000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को लेकर फिर से सियासत तेज हो गई है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और योगी सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर आमने-सामने हैं. आखिर जेपीएनआईसी प्रोजेक्ट क्या है? इसमें क्या-क्या सुविधाएं हैं? प्रोजेक्ट को लेकर विवाद क्या है? आइये जानते हैं विस्तार से...

लखनऊ. पिछले आठ सालों से राजधानी लखनऊ में बंद पड़ा जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानी जेपीएनआईसी (JPNIC) को लेकर सियासत तेज हो गई है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मंगलवार को फिर से इस मुद्दे को हवा दी. अखिलेश यादव ने एक सवाल पर कहा, ‘अगर बीजेपी की सरकार लखनऊ स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को बेचना चाहती है तो हम उसे खरीदना चाहते हैं क्योंकि उससे हमारा विचारात्मक जुड़ाव भी है. मैं प्रदेश और देश के समाजवादियों से अपील करूंगा कि वह हमें चंदा भी दें. हम इसे खरीदना चाहते हैं.’
दरअसल जेपीएनआईसी की शुरुआत तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार में हुई थी. गोमती नगर के विपिन खंड में 18.64 एकड़ में जेपीएनआईसी बनाया गया. प्रोजेक्ट पर 850 करोड़ के आसपास खर्च हुआ. अभी 150 करोड़ रुपये और खर्च होने के आसार है. यानी 1000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है. 2017 में प्रदेश में अब योगी सरकार आई तो यह प्रोजेक्ट विवादों में घिर गया. हालांकि उस समय तक 80 फीसद निर्माण कार्य हो चुका था.
बताया जाता है कि जेपीएनआईसी का निर्माण बिना डीपीआर मंजूर हुए किया गया. बिना शासन की संस्तुति के 100 करोड़ के काम कराए गए थे. प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप के चलते निर्माण पर रोक लगा दी गई. ताजा हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने जेपी इंटरनेशनल सेंटर प्रोजेक्ट को लखनऊ विकास प्राधिकरण को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है.
इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर बना है JPNIC
जेपीएनआईसी का निर्माण रियल एस्टेट कंपनी शालीमार ने दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज किया था. वर्ल्ड क्लास लेवल की यह इमारत 18 मंजिला है. इसमें पार्किंग, जेपी नारायण से जुड़ा एक म्यूजियम, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस खेलने की व्यवस्था है. 100 कमरों का एक बड़ा सा गेस्ट हाउस इसके अंदर है. एक ऑल वेदर स्वीमिंग पूल भी है. छत पर एक हेलीपैड भी बनाया गया है. प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुरू की थी. बिल्डिंग में 2000 क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल, प्रदर्शनी हॉल, ओपन एयर थिएटर, अत्याधुनिक जिम की सुविधाएं भी शामिल हैं.
जेपीएनआईसी का निर्माण रियल एस्टेट कंपनी शालीमार ने दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज किया था. वर्ल्ड क्लास लेवल की यह इमारत 18 मंजिला है. इसमें पार्किंग, जेपी नारायण से जुड़ा एक म्यूजियम, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस खेलने की व्यवस्था है. 100 कमरों का एक बड़ा सा गेस्ट हाउस इसके अंदर है. एक ऑल वेदर स्वीमिंग पूल भी है. छत पर एक हेलीपैड भी बनाया गया है. प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुरू की थी. बिल्डिंग में 2000 क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल, प्रदर्शनी हॉल, ओपन एयर थिएटर, अत्याधुनिक जिम की सुविधाएं भी शामिल हैं.
जयप्रकाश नारायण की याद में बनाया गया है प्रोजेक्ट
तत्कालीन समाजवादी सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता जयप्रकाश नारायण की याद में जेपीएनआईसी का निर्माण शुरू कराया था. 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताब दियारा में जन्मे जयप्रकाश नारायण ने देश में आजादी की जंग से लेकर 1977 तक कई आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई. उनके आंदोलन का कुछ ऐसा असर दिखा कि इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक छिन गई थी.
तत्कालीन समाजवादी सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता जयप्रकाश नारायण की याद में जेपीएनआईसी का निर्माण शुरू कराया था. 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताब दियारा में जन्मे जयप्रकाश नारायण ने देश में आजादी की जंग से लेकर 1977 तक कई आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई. उनके आंदोलन का कुछ ऐसा असर दिखा कि इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक छिन गई थी.
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Chaturesh Tiwari
An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें
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