एक तरफ हाथी तो दूसरी तरफ बाघ, जंगली जानवरों की चहलकदमी में फंसे यहां के लोग
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Pilibhit Tiger Reserve News : ये जंगल करीब 73 हजार हेक्टेयर में फैला है. इसमें बाघ और तेंदुए जैसे तमाम वन्यजीव पाए जाते हैं. कई बार जंगली जानवर मानव आबादी में पहुंचकर सुर्खियां बटोर लेते हैं.

पीलीभीत. उत्तर प्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व का जंगल लगभग 73,000 हेक्टेयर में फैला है. इस जंगल में बाघ और तेंदुए जैसे कई खतरनाक वन्यजीव पाए जाते हैं. कई बार जंगली जानवरों के आबादी वाले इलाकों में पहुंचने पर परिस्थितियां विषम बन जाती हैं. हालांकि बीते कुछ समय से पीलीभीत जिले में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. बीते साल कराई गई चेनलिंक फेंसिंग से हालात सुधरे हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पीलीभीत के कुछ इलाके में बाघों की चहलकदमी देखी जा रही है. पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के सुल्तानपुर गांव में लंबे समय से बाघ गन्ने के खेत में डेरा जमाए बैठा है. ये इलाका शाहजहांपुर वन प्रभाग की खुटार रेंज के तहत आता है. खुटार रेंजर मनोज श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ इलाके में निगरानी बनाए हैं.
गेहूं की फसल रौंदी
दूसरी ओर पीलीभीत शहर से कुछ दूरी पर स्थित मंडरिया गांव में भी एक बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है. हाल ही में बाघ ने खेत में एक चीतल का शिकार भी किया है. बाघ की चहलकदमी होने के चलते किसान खेतों में काम करने जाने से कतरा रहे हैं. डिप्टी रेंजर शेर सिंह ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है. बीते कुछ दिनों से पीलीभीत के जंगलों में नेपाली हाथियों की चहलकदमी देखी जा रही है. बीते करीब 15 दिन से 2 हाथी माला रेंज के आसपास विचरण करते देखे जा रहे हैं. बीती रात माला रेंज से निकल कर हाथी आबादी के नजदीक पहुंच गए. हाथियों ने सिरसा सरदाह व गोयल कॉलोनी में कई एकड़ गेहूं की फसल को रौंद दिया है. ऐसे में किसानों की ओर से इस समस्या के निदान की मांग कर रहे हैं.
सतर्कता बरतें
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि कई बार वन्यजीव जंगल की सीमा से बाहर निकल आते हैं. टीमों की ओर से लगातार उनकी निगरानी की जाती है. ग्रामीणों से भी अपील है कि शाम ढलने के बाद खेतों पर जाने से बचें व दिन में सतर्कता बरतते हुए काम करें.
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