यौन शोषण मामला: आरोपी चिन्मयानंद और पीड़ित छात्रा दोनों की जमानत अर्जी खारिज
Agency:News18 Uttar Pradesh
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आरोपी चिन्मयानंद (Chinmayanand) के वकील ओम सिंह ने बताया कि वह जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस मामले की अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट में करेंगे.

शाहजहांपुर. यौन शोषण (Sexual Abuse) के मामले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) और उनसे रंगदारी मांगने की आरोपी पीड़ित छात्रा की जमानत अर्जी को सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया. जिला सत्र न्यायालय के सरकारी वकील अनुज कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोपी चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी पर सुनवाई हुई जिसे जिला जज रामबाबू शर्मा ने सुना. इसके अलावा चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की आरोपी पीड़िता छात्रा की भी जमानत याचिका पर सुनवाई की गई.
अनुज कुमार ने बताया कि चिन्मयानंद और रंगदारी की आरोपी पीड़ित छात्रा दोनों की जमानत याचिका को जिला सत्र न्यायालय ने निरस्त कर दिया है. वहीं आरोपी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि वह चिन्मयानंद की जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस मामले की अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट में करेंगे.
चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस
पीड़ित छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया कि सोमवार को चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान सरकारी वकील ने यह तर्क भी सामने रखा कि चिन्मयानंद जब निर्वस्त्र होकर पीड़िता से मालिश करवाते थे और इस दौरान जब पीड़िता इसका विरोध करती थी तब उसके साथ बल प्रयोग किया जाता था.
वीडियो में छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गई
त्रिवेदी ने बताया कि ऐसे में जहां पर बल प्रयोग किया जाता है उस मामले में धारा 376 ही लगाई जाती है ना कि 376 (सी) लगाई जाती है. पीड़िता के वकील त्रिवेदी ने बताया पीड़िता की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनका कहना था कि जो रंगदारी का वीडियो पहले वायरल किया गया था उसके दो हिस्से बनाए गए पहले हिस्से को वायरल कर दिया गया और उसी वीडियो का दूसरा हिस्सा 26 सितंबर को वायरल किया गया और इस वीडियो में छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गई है.
वहीं दूसरी ओर पीड़ित छात्रा ने जेल में बंद होने के दौरान जेल अधीक्षक के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सीजीएम की अदालत में भेजा था जिसमें पीड़िता ने कहा था कि वह स्वयं उपस्थित होकर कोर्ट में अपनी बात रखना चाहती है क्योंकि वह खुद वकील है. जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामले की जांच विशेष जांच दल एसआईटी (SIT) कर रही है और इलाहाबाद हाईकोर्ट इसकी निगरानी कर रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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अनुज कुमार ने बताया कि चिन्मयानंद और रंगदारी की आरोपी पीड़ित छात्रा दोनों की जमानत याचिका को जिला सत्र न्यायालय ने निरस्त कर दिया है. वहीं आरोपी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने बताया कि वह चिन्मयानंद की जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस मामले की अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट में करेंगे.
चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस
पीड़ित छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने बताया कि सोमवार को चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान सरकारी वकील ने यह तर्क भी सामने रखा कि चिन्मयानंद जब निर्वस्त्र होकर पीड़िता से मालिश करवाते थे और इस दौरान जब पीड़िता इसका विरोध करती थी तब उसके साथ बल प्रयोग किया जाता था.
वीडियो में छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गई
त्रिवेदी ने बताया कि ऐसे में जहां पर बल प्रयोग किया जाता है उस मामले में धारा 376 ही लगाई जाती है ना कि 376 (सी) लगाई जाती है. पीड़िता के वकील त्रिवेदी ने बताया पीड़िता की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनका कहना था कि जो रंगदारी का वीडियो पहले वायरल किया गया था उसके दो हिस्से बनाए गए पहले हिस्से को वायरल कर दिया गया और उसी वीडियो का दूसरा हिस्सा 26 सितंबर को वायरल किया गया और इस वीडियो में छेड़छाड़ (टेंपरिंग) की गई है.
वहीं दूसरी ओर पीड़ित छात्रा ने जेल में बंद होने के दौरान जेल अधीक्षक के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सीजीएम की अदालत में भेजा था जिसमें पीड़िता ने कहा था कि वह स्वयं उपस्थित होकर कोर्ट में अपनी बात रखना चाहती है क्योंकि वह खुद वकील है. जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामले की जांच विशेष जांच दल एसआईटी (SIT) कर रही है और इलाहाबाद हाईकोर्ट इसकी निगरानी कर रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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