Ram Navami: वाराणसी के इस बैंक में 19 अरब राम नाम की पूंजी, ऐसे मिलता है लोन
Agency:News18 Uttar Pradesh
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Varanasi Ram Ramapati Bank: बैंक का संचालन करने वाले राम कुमार ने बताया कि साल दर साल इस राम रमापति बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है. वर्तमान में यहां 19 अरब से अधिक हस्तलिखित रामनाम जमा हैं.
रिपोर्ट- अभिषेक जायसवाल, वाराणसी
वाराणसी: बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के शहर वाराणसी (Varanasi) में एक ऐसा अनोखा बैंक है, जहां 19 अरब राम नाम की पूंजी जमा है. इस बैंक में लेन देन का सारा काम भगवान राम के नाम पर ही होता है. रामनवरी (Ram Navami) के दिन इस बैंक में भक्त राम नाम के इस जमा पूंजी का दर्शन करने आते हैं. बता दें कि इस बैंक का संचालन सरकार नहीं बल्कि भगवान राम के भक्त ही करतें है. वाराणसी (Varanasi) में विश्वनाथ मंदिर के करीब दुनिया का ये सबसे अनोखा बैंक स्थित है.
बैंक का संचालन करने वाले राम कुमार मेलरोत्रा ने बताया कि साल दर साल इस राम रमापति बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय में यहां 19 अरब से अधिक हस्तलिखित रामनाम इक्कठा हैं. पूरी दुनिया में ये इकलौता ऐसा बैंक है जहां भगवान राम के नाम की इतनी पूंजी जमा है.
हर मुराद होती है पूरी
वाराणसी के इस राम रमापति बैंक से अब तक हजारों लोगों की मुराद पुरी हो चुकी है और उनकी किस्मत भी बदल गई है. बैंक से जुड़े सुमित मेलरोत्रा ने बताया कि यहां से भक्तों को भगवान राम के नाम का कर्ज दिया जाता है. इसके लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होता है जिसके लिए बाकायदा एक शपथ पत्र भक्तों से भरवाया जाता है.
वाराणसी के इस राम रमापति बैंक से अब तक हजारों लोगों की मुराद पुरी हो चुकी है और उनकी किस्मत भी बदल गई है. बैंक से जुड़े सुमित मेलरोत्रा ने बताया कि यहां से भक्तों को भगवान राम के नाम का कर्ज दिया जाता है. इसके लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होता है जिसके लिए बाकायदा एक शपथ पत्र भक्तों से भरवाया जाता है.
सवा लाख राम नाम का करना होता है लेखन
इस शपथ पत्र के मुताबिक, कर्ज लेने वाले श्रद्धालु को 8 महीने 10 दिन तक लगातार 500 रामनाम लिखना होता है. इस तरह 250 दिनों में सवा लाख राम नाम लिखने का काम पूरा होता है. इस दौरान भक्तों को सिर्फ सात्विक भोजन ही करना होता है. ऐसी मान्यता है जो इन नियमों के पालन के साथ 8 महीने 10 दिन ऐसा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
इस शपथ पत्र के मुताबिक, कर्ज लेने वाले श्रद्धालु को 8 महीने 10 दिन तक लगातार 500 रामनाम लिखना होता है. इस तरह 250 दिनों में सवा लाख राम नाम लिखने का काम पूरा होता है. इस दौरान भक्तों को सिर्फ सात्विक भोजन ही करना होता है. ऐसी मान्यता है जो इन नियमों के पालन के साथ 8 महीने 10 दिन ऐसा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
फ्री मिलता है कलम-कागज
इस बैंक से कर्ज लेने वाले भक्तों को रामनाम लेखन के लिए कागज और कलम भी मिलता है. जिससें भक्त 8 महीने 10 दिन राम के नाम का लेखन करतें है. लेखन के बाद इस राम नाम को वापस इसी बैंक में जमा करना होता है. जिसे पूंजी के तौर पर यहां संजो कर रखा जाता है.
इस बैंक से कर्ज लेने वाले भक्तों को रामनाम लेखन के लिए कागज और कलम भी मिलता है. जिससें भक्त 8 महीने 10 दिन राम के नाम का लेखन करतें है. लेखन के बाद इस राम नाम को वापस इसी बैंक में जमा करना होता है. जिसे पूंजी के तौर पर यहां संजो कर रखा जाता है.
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