विधानसभा सत्र: CM धामी ने जनरल रावत के योगदान गिनाए तो कौशिक ने कहा, उनके नाम पर हो सैन्य धाम
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Agency:News18Hindi
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Uttarakhand Assembly Winter Session : उत्तराखंड की विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, जिसमें मुख्यमंत्री ने सबसे पहले शोक संदेश पढ़ते हुए जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी और उनके शौर्य व उत्तराखंड के लिए योगदान को याद किया. धामी ने जनरल रावत के लिए एक यादगार शेर पढ़ा, 'बड़े गौर से सुन रहा था ज़माना, तुम्हीं सो गए दास्तां कहते कहते.' चॉपर क्रैश (Chopper Crash) में जनरल रावत के निधन के बाद सरकार का विरोध करने के लिए गैरसैंण जाने का कार्यक्रम भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Rawat) ने रद्द कर दिया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कई नेताओं ने भी जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी.

देहरादून. उतराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार को हो गई और सबसे पहले सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हवाई हादसे में दिवंगत हुए सीडीएस जनरल विपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए शोक संदेश पढ़ा. धामी ने कहा कि विश्वास नहीं हो रहा है सीडीएस रावत अब हमारे बीच नहीं रहे. धामी ने रावत को प्रदेश और देश का गौरव बताते हुए कहा कि उनकी इच्छा थी कि शहीद सम्मान यात्रा के संदर्भ में जनरल रावत का कार्यक्रम हो पाता. धामी ने कहा कि इस सिलसिले में फोन पर रावत के साथ उनकी बातचीत भी हुई थी.
धामी ने शाक संदेश पढ़ते हुए कहा कि सीडीएस रावत हमारे गौरव थे. ‘पिथौरागढ़ से जब शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ हो रहा था, तब भी उनका फोन आया था. मेरी इच्छा थी सैनिक परिवारों और सैनिकों के साथ उनका कार्यक्रम हो. चार जगह यात्रा तय हुई थी, लैंसडाउन, बनबसा, रानीखेत और देहरादून जैसे स्थानों पर उनका कार्यक्रम तय होना था.’ धामी ने आगे कहा कि उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए थे और वह गौरवशाली सैन्य परिवार के सपूत थे. ‘जनरल रावत को आतंक रोधी अभियानों में महारत हासिल थी. उत्तराखंड और पूरे देश को जनरल बिपिन रावत के शौर्य पर हमेशा गर्व रहेगा.’
‘म्यांमार से टनकपुर तक अहम रहा उनका योगदान’
इसके आगे सीएम धामी ने कहा कि जनरल रावत की सादगी और सरलता से लगता नहीं था कि वो सीडीएस जैसे शीर्ष ओहदे पर हैं. यही नहीं, धामी ने टनकपुर रेल लाइन के ब्रॉडगेज सर्वे के लिए भी जनरल रावत की भूमिका बताते हुए कहा कि 29 करोड़ रुपए की मंज़ूरी भी उनके प्रयास से हुई. इसके अलावा धामी ने कहा कि म्यामांर में घुस कर 60 आतंकवादियों को मार गिराना उनके ही नेतृत्व में सफल ऑपरेशन रहा.
इसके आगे सीएम धामी ने कहा कि जनरल रावत की सादगी और सरलता से लगता नहीं था कि वो सीडीएस जैसे शीर्ष ओहदे पर हैं. यही नहीं, धामी ने टनकपुर रेल लाइन के ब्रॉडगेज सर्वे के लिए भी जनरल रावत की भूमिका बताते हुए कहा कि 29 करोड़ रुपए की मंज़ूरी भी उनके प्रयास से हुई. इसके अलावा धामी ने कहा कि म्यामांर में घुस कर 60 आतंकवादियों को मार गिराना उनके ही नेतृत्व में सफल ऑपरेशन रहा.
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में तमाम विधायकों ने दिवंगत जनरल रावत को सदन में श्रद्धांजलि दी. इस बारे में एएनआई का ट्वीट.
प्रीतम सिंह ने कहा, देश को आगे बढ़ाया
सीएम धामी के बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि म्यामांर ऑपरेशन से लेकर पाकिस्तान एयर स्ट्राइक में सीडीएस विपिन रावत का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने देश को सैन्य पृष्ठभूमि में आगे बढ़ाने का प्रयास किया. उनका आकस्मिक निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. सदन में जनरल रावत को कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी सदन में पहुंचे.
सीएम धामी के बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि म्यामांर ऑपरेशन से लेकर पाकिस्तान एयर स्ट्राइक में सीडीएस विपिन रावत का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने देश को सैन्य पृष्ठभूमि में आगे बढ़ाने का प्रयास किया. उनका आकस्मिक निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. सदन में जनरल रावत को कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी सदन में पहुंचे.
जनरल रावत की याद में किसने क्या कहा?
सीडीएस रावत एक महान योजनाकार थे.
— संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत
— संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत
चीन और पाकिस्तान को लेकर उनका विजन क्लियर था. पाक ऑक्युपाइड कश्मीर भारत का हिस्सा है, ये कहने वाले भी सीडीएस ही थे. वो स्पष्टवादी थे, तालिबान को लेकर भी वो स्पष्ट थे. अमेरिका, जापान, रसिया ने उनको श्रदांजलि दी है, ये सीडीएस की कार्यप्रणाली को दर्शाता है. सैन्यधाम या राज्य की यूनिवर्सिटी का नाम सीडीएस रावत के नाम पर होना चाहिए.
— बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक
— बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक
मुझे उनको निकट से देखने समझने का मौका मिला. देहरादून के कैम्ब्रिन हॉल में अपने स्कूल में वो जनरल होने के बाद भी स्कूल ड्रेस में गए. बेहद सरल थे, लेकिन जब देश की बात आई उन्होंने बड़ी दृढ़ता से निर्णय लिये. डोकलाम विवाद को लेकर जब देश चिंतित था, तो जनरल स्पष्ट थे कि हम दुश्मन को मारेंगे. वह कमांड थियेटर बनाने की तैयारी भी कर रहे थे.
वह जब अपने ननिहाल उत्तरकाशी के थाती गांव गए तब उन्होंने गांव में रहने की इच्छा जताई थी और मैंने उनके गांव के लिए सड़क की घोषणा की थी. मलारी जैसे उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में वे अखरोट की खेती करना चाहते थे. अपनी जन्मभूमि से उन्हें बेहद लगाव था. पलायन को लेकर वह चिंतित थे.
— पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत
— पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत
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