मानसून से पहले होगी वॉटर क्वालिटी टेस्टिंग, हर घर में पहुंचेगा शुद्ध पानी, जल जीवन मिशन की रफ्तार हुई तेज!
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Dehradun News: उत्तराखंड में मानसून के दौरान बीमारियों से बचाव हेतु जल जीवन मिशन के तहत पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता जांची जाएगी. सीएम धामी ने जलापूर्ति सुधारने के निर्देश दिए हैं.
देहरादून: मानसून के सीजन में गंदे पानी से हैजा, टाइफाइड जैसी बीमारियां फैलने का खतरा रहता है, इस वजह से उत्तराखंड में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता की जांच शुरू की जा रही है. इसका उद्देश्य राज्य के नागरिकों को स्वच्छ और साफ पानी मुहैया कराना है. जल जीवन मिशन के एमडी विशाल मिश्रा ने इस पहल की जानकारी दी.
विशाल मिश्रा ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मानसून से पहले और बाद में पानी के स्रोतों की टेस्टिंग की जाए. अगर कहीं पानी की गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो जल निगम और जल संस्थान उसे 24 घंटे के अंदर ठीक करेंगे.”
विशाल मिश्रा ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मानसून से पहले और बाद में पानी के स्रोतों की टेस्टिंग की जाए. अगर कहीं पानी की गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो जल निगम और जल संस्थान उसे 24 घंटे के अंदर ठीक करेंगे.”
शक्ति पोर्टल में मिलेगी जानकारी
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन के तहत जो अधूरी योजनाएं हैं, उन्हें दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाए. इसके साथ ही योजनाओं की ड्राइंग को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. अब तक विभाग ने 15,000 किलोमीटर की ड्राइंग पोर्टल पर अपलोड की है, और 70,000 किलोमीटर की ड्राइंग अपलोड करने का लक्ष्य है.
उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन के तहत जो अधूरी योजनाएं हैं, उन्हें दिसंबर 2026 तक पूरा किया जाए. इसके साथ ही योजनाओं की ड्राइंग को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. अब तक विभाग ने 15,000 किलोमीटर की ड्राइंग पोर्टल पर अपलोड की है, और 70,000 किलोमीटर की ड्राइंग अपलोड करने का लक्ष्य है.
सीएम धामी ने दिए आदेश
विशाल मिश्रा ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जलापूर्ति की स्थिति को सुधारने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे. यह कार्य योजना इस उद्देश्य से बनाई जा रही है ताकि गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्याएं न बढ़ें. इसके तहत, पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाएगा और नए जल स्रोतों की पहचान की जाएगी, ताकि गर्मियों में पानी की किल्लत से बचा जा सके. मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति के कनेक्शन को नियमित और सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है, ताकि हर व्यक्ति को समय पर और पर्याप्त मात्रा में साफ पानी मिल सके.
विशाल मिश्रा ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जलापूर्ति की स्थिति को सुधारने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे. यह कार्य योजना इस उद्देश्य से बनाई जा रही है ताकि गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्याएं न बढ़ें. इसके तहत, पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाएगा और नए जल स्रोतों की पहचान की जाएगी, ताकि गर्मियों में पानी की किल्लत से बचा जा सके. मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति के कनेक्शन को नियमित और सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है, ताकि हर व्यक्ति को समय पर और पर्याप्त मात्रा में साफ पानी मिल सके.
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