अजब-गजब: सर्विस बुक के गुम होने के बाद सरकारी दफ्तर में शुरू हुई 'दैवीय जांच', जानिए क्यों कर्मचारियों से मांगे गए दो मुट्ठी चावल
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PWD के खंड कार्यालय में कार्यरत ई. जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) दफ्तर की अलमारी से गायब हो गई. काफी खोजबीन और प्रयासों के बावजूद जब दस्तावेज नहीं मिले, तो मामले ने एक नया मोड़ ले लिया. मानसिक तनाव और निराशा के बीच अधिष्ठान सहायक एवं संबंधित अभियंता ने 'दैवीय आस्था' का सहारा लेने का निर्णय लिया.

नैनीताल: उत्तराखंड के लोहाघाट से एक बेहद अनोखा मामला सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया है. लोहाघाट स्थित लोक निर्माण विभाग (PWD) कार्यालय में एक अपर सहायक अभियंता की सर्विस बुक गुम हो जाने के बाद विभाग ने ऐसा कदम उठाया जो सरकारी कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, PWD के खंड कार्यालय में कार्यरत ई. जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) दफ्तर की अलमारी से गायब हो गई. काफी खोजबीन और प्रयासों के बावजूद जब दस्तावेज नहीं मिले, तो मामले ने एक नया मोड़ ले लिया. मानसिक तनाव और निराशा के बीच अधिष्ठान सहायक एवं संबंधित अभियंता ने ‘दैवीय आस्था’ का सहारा लेने का निर्णय लिया.
सोशल मीडिया में वायरल हुई घटना
कार्यालय में जारी एक आंतरिक नोट के अनुसार, यह प्रस्ताव रखा गया कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने घरों से दो मुट्ठी चावल लेकर आएं, जिन्हें स्थानीय मंदिर में चढ़ाया जाएगा ताकि ‘देवता न्याय करें’ और गायब हुई सेवा पुस्तिका वापस मिल सके. कर्मचारियों से कहा गया कि वे शनिवार को कार्यालय में दो मुट्ठी चावल जमा करें, जिसे मंदिर में अर्पित किया जाएगा. यह घटना सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. जहां कुछ लोग इसे आस्था का मामला बता रहे हैं, वहीं अधिकतर इसे अंधविश्वास और सरकारी तंत्र की असफलता का प्रतीक मान रहे हैं. सरकारी कार्यालय में इस तरह के दैवीय उपायों को अपनाना न केवल तर्कहीन माना जा रहा है, बल्कि यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे छोड़ दी गई है?
विभाग है चुप
हालांकि, अभी तक उच्च स्तर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लोहाघाट के PWD कार्यालय में ‘चावल वाली जांच’ ने निश्चित रूप से उत्तराखंड के प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर एक विचित्र परछाईं डाल दी है. अब देखना होगा कि यह चावल चढ़ाने वाला प्रयास सर्विस बुक को वापस दिला पाता है या नहीं, लेकिन फिलहाल यह घटना सरकारी कार्यशैली में अंधविश्वास की घुसपैठ का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आई है.
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