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Politics of Uttarakhand : करीबी ही यशपाल आर्य के खिलाफ, कांग्रेसी बोले - 'झंडे-डंडे से करेंगे विरोध'

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Uttarakhand Election : उत्तराखंड चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी गुटबाज़ी और पार्टी के साथ नाराज़गी की स्थितियां दिख रही हैं. इसकी बड़ी वजह दलबदल की राजनीति (Defection Politics) रही है. कार्यकर्ताओं के सामने यह संकट बन गया है कि जिस नेता के खिलाफ वो सालों से ज़मीन तैयार कर रहे थे, अब उसके समर्थन में करना पड़ रही है. वहीं, टिकट की राजनीति भी नेताओं व कार्यकर्ताओं का सिरदर्द बनती दिख रही है. पिछले दिनों BJP और मंत्री पद छोड़कर कांग्रेस में लौटे यशपाल आर्य के खिलाफ कभी उनके करीबी रहे नेता ही लामबंद हो गए हैं.

करीबी ही यशपाल आर्य के खिलाफ, कांग्रेसी बोले - 'झंडे-डंडे से करेंगे विरोध'पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य.
रामनगर. विधानसभा क्षेत्र बाजपुर में आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में गुटबाज़ी खुलकर सामने आना शुरू हो गई है. बाजपुर के चीनी मिल गेस्ट हाउस में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के करीबी रहे और पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह ने आर्य के विरोध में बैठक कर साफ तौर पर चेतावनी दी कि अगर आर्य को कांग्रेस पार्टी ने बाजपुर से चुनाव लड़ने के लिए​ टिकट दिया तो काले झंडे और डंडे से उनका विरोध किया जाएगा. पिछले दिनों बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में लौटे आर्य पहले दो बार इसी सीट से जीत चुके हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे नाराज़ दिख रहे हैं.

आखिर क्यों हो रहा है आर्य का विरोध?
कांग्रेस में गुटबाज़ी समय-समय पर सामने आती रही है. जानकारों की मानें तो गुटबाज़ी का ही नतीजा था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तराखंड में करारी हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, आगामी विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद बाजपुर में गुटबाज़ी फिर से सामने आ गई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में आर्य के करीबी रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलविंदर सिंह किंदा ने ही आर्य का विरोध शुरू कर दिया है. इसी के चलते बाजपुर के चीनी मिल गेस्ट हाउस में एक बैठक आयोजित की गई.
बाजपुर में कांग्रेसियों ने बैठक कर यशपाल आर्य के विरोध की रणनीति बनाई.
आर पार की लड़ाई के मूड में कांग्रेसी
इस बैठक में बाजपुर के कई ग्राम प्रधान, बीडीसी और छात्रसंघ पदाधिकारियों ने यशपाल आर्य के बाजपुर से चुनाव लड़ने पर विरोध करने की रणनीति बनाई. इस दौरान किंदा ने कहा कि बाजपुर की जनता ने आर्य पर भरोसा कर उन्हें दो बार जीत दिलाई, लेकिन लगातार आर्य ने पार्टी बदलकर बाजपुर की जनता के साथ धोखा किया. साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि इस बार आर्य बाजपुर से चुनाव लड़े तो काले झंडों और डंडों के साथ जमकर विरोध किया जाएगा और आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी.
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