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क्या बदल रहा है पाकिस्तान का मन? 126 साल पुराने शिव मंदिर की करवाई मरम्मत

Agency:एजेंसियां
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Pakistan Shiv Temple News: कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान में एक मौलवी के नेतृत्व में भीड़ ने एक मंदिर को तोड़ दिया है. अब पाकिस्तान ने एक 126 साल पुराने शिव मंदिर की मरम्मत करवाई है.

क्या बदल रहा पाकिस्तान का मन? 126 साल पुराने शिव मंदिर की करवाई मरम्मतपौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बुध प्रदोष व्रत करने से बच्चों की बुद्धि तेज होती है, संतान निरोगी रहती है और उनका जीवन सुखमय होता है.
लाहौर. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 126 साल पुराने एक शिव मंदिर को मरम्मत कार्य के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है और इसका प्रशासनिक नियंत्रण एक स्थानीय हिंदू संगठन को सौंप दिया गया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. बता दें कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान में एक हिंदू मंदिर को एक मौलवी के नेतृत्‍व में कट्टरपंथियों के तोड़ दिया गया था और इमरान सरकार वहां मूकदर्शक बनी रही थी. भारत ने इस मुद्दे को संयुक्‍त राष्‍ट्र में उठाकर पाकिस्तान को घेरा था.

क्या पाकिस्तान का बदल गया मन?
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखभाल करने वाले एवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) ने कहा कि उसने हाल ही में देश भर के दर्जनों मंदिरों का पुनरुद्धार किया है. ईटीबीपी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया ‘हैदराबाद में स्थित 126 साल पुराना शिव मंदिर, जिसे गोस्वामी पुरषोत्तम घर निहाल घर के नाम से भी जाना जाता है. इसे फिर से निर्मित किया गया है. मंदिर में और अधिक क्षेत्र को भी शामिल किया गया है, ताकि हिंदू श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठानों का उचित ढंग से आयोजन कर सकें.’

खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर को तोड़ा गया था
बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी और उसमें आग लगा दिया था. मंदिर में तोड़फोड़ पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया था और इसे फिर से बनाने का आदेश दिया था. भारत ने मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया था और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की थी.
पाकिस्तान बोला-कई मंदिरों का फिर से किया निर्माण
उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण एक स्थानीय हिंदू संगठन को दिया गया है. हाशमी ने कहा, ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष चैला राम ने ईटीपीबी के अध्यक्ष डॉ. आमेर अहमद से मंदिर परिसर में उसके आसपास के क्षेत्र को शामिल करने का अनुरोध किया था, ताकि हिंदू आसानी से वहां भ्रमण कर सकें और अपने अनुष्ठान कर सकें.’ उन्होंने कहा कि हाल ही में फिर से निर्मित किए गए अन्य मंदिरों में सियालकोट का 1000 साल पुराना शावला तेजा मंदिर भी शामिल है.
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