सिर्फ एक बार लगाएं ये फसल, 5 सालों तक होगा मुनाफा, इस तरीके से करें खेती
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Agency:Local18
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अरहर की खेती तो ज्यादातर किसान करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी जंगली अरहर के बारे में सुना है. ये कोई ऐसी-वैसी दाल नहीं, बल्कि इस अरहर की डिमांड अफ्रीका, दुबई, लंदन जैसे देशों तक है. इस जंगली अरहर में फाइबर और प्रोटीन भरपूर होता है, जिसे खाने से पेट में गैस नहीं बनती औरर यह आराम से पच जाती है. इस जंगली अरहर की खेती कर किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं.

सागर में प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया जंगली अरहर की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती से वह लाखों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं. साथ ही इसका संरक्षण करने के लिए देश भर के ढाई लाख किसानों को इसका वितरण भी कर चुके हैं. उन्हें बीज बनाने की तकनीक भी सिखाते हैं, ताकि इसका ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो सके. खास बात इस दाल को एक बार लगाने के बाद ये 5 साल तक फलती है.

<br />किसान आकाश ने बताया एक एकड़ में 8 से 12 कुंटल तक जंगली अरहर की पैदावार हो जाती है. इसे एक बार लगाने से 10 बार उत्पादन होता है. 5 साल में इसकी लंबाई 12 फीट तक हो जाती है. आगे बताया कि यूपी और बिहार के बीच एक इलाका है बस्तर, करीब 14 साल पहले बस्तर के जंगल में उन्हें एक पेड़ मिला था, जिसमें 10 से 15 फली लगी थी.
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किसान ने बताया अगर कोई किसान उद्यान लगाना चाहता है और पेड़-पौधों की वजह से उसके पास जगह नहीं है, तो जंगली अरहर को लगाकर उगा सकता है. एक एकड़ की जगह में केवल एक किलो बीज ही लगता है. इसमें खेत के अंदर मेड़ बनाकर 5 से 7 फीट के अंतर पर एक-एक पौधा लगाया जाता है. एक बार लगाने के बाद अच्छे से खाद पानी करते रहें, जिससे यह पौधा 5 साल तक चलता है.

आपको बता दें कि अरहर की इस किस्म को बहुत कम पानी की जरूरत होती है. जब इसे जून या जुलाई में लगाते हैं तो बारिश के समय सिंचाई की सितंबर तक कोई जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन अक्टूबर, नवंबर में 20 दिन के अंतराल में 2 या 3 पानी (सिंचाई) की जरूरत होती है. सिंचाई खुली पद्धति से बहा कर भी कर सकते हैं और इस किस्म के लिए टपक सिंचाई व्यवस्था सर्वोत्तम होती है.

अरहर की इस किस्म को दो तरीके से लगाया जा सकता है, पहला नर्सरी तैयार करके इसके लिए 50 किलोग्राम मिट्टी 50 किलोग्राम गोबर की पची खाद या केंचुआ खाद, इनमें 1 किलोग्राम चूना पाउडर और 1 किलोग्राम नीम का पाउडर सभी को आपस में मिलाकर, 2.5×6 इंच के पॉली बैग में भरके 1 से 1.5 इंच की गहराई में बीज डालें. इस विधि में 1 एकड़ में 750 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. दूसरा तरीका सीधा बीज खेत में लगाना होता है. जब बीज सीधा खेत में लगाते हैं तो 2 दाने एक साथ लगाने चाहिए, इसकी गहराई 1 से 1.5 इंच रखनी है. इस स्थिति में प्रति एकड़ में 1 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. <br /><br />
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सबसे पहले बीजों को उपचारित करने से पहले 3 से 4 घंटे बीजों को तेज धूप दिखाएं. इसके बाद 2 लीटर भारतीय गाय का गोमूत्र ताजा या पुराना, 200 ग्राम धनिया पाउडर, और 200 ग्राम तीखी लाल मिर्च का पाउडर का घोल बनाकर घोल में बीजों को 10 मिनट तक डूबा रहने दें, इसके बाद बीजों को निकाल कर 10 मिनट तक छाया में फैलाकर रखें या सुखाएं फिर खेत में या नर्सरी में रोपें. अगर आप भी जंगली अरहर से संबंधित खेती करना चाहते हैं या इसकी जानकारी लेना चाहते हैं तो आकाश चौरसिया (9179066275) 24 घंटे निशुल्क रूप से सहयोग करने के लिए तत्पर रहते हैं.