मार्च-अप्रैल में कर रहे हैं मूंग की खेती, तो इन किस्मों का करें चयन, 80 दिनों में तैयार हो जाएगी फसल
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Garma Moong Farming Tips: गर्मी में मूंग की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. इससे कीट-रोगों का प्रकोप कम होगा और उत्पादन अच्छा मिलेगा. किसानों को अपने परिवेश को देखते हुए गर्मी के सीजन में मूंग की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. मूंग की उन्नत किस्में 60 से लेकर 80 दिनों तक में तैयार हो जाती है. हालांकि बुवाई से पहले बीजोपचार जरूरी है.

पश्चिम चम्पारण सहित बिहार के कई ज़िलों में मूंग की खेती बड़े चाव से की जा रही है. किसानों का कहना है कि बेहद कम लागत तथा समय में मूंग की खेती से उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. गर्मियों का मौसम है, ऐसे में आज हम आपको इस मौसम में लगाई जाने वाली मूंग की उन्नत प्रभेदों की जानकारी साझा कर रहे हैं.

कृषि विशेषज्ञ रविकांत पांडे बताते हैं कि किसानों को अपने परिवेश को देखते हुए गर्मी के सीजन में मूंग की उन्नत किस्में जैसे पूसा रत्ना, पूसा विशाल, पूसा 1431, पूसा 9531, पूसा 672, वसुधा (आई.पी.एम. 312-20), कनिका (आई.पी.एम. 302-2), वर्षा (आई.पी.एम. 14-9) इत्यादि किस्मों का चयन कर सकते हैं.
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रविकांत बताते हैं कि मूंग की बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत किस्म के बीजों का ही उपयोग करना चाहिए. साथ ही छिड़कने से पहले उचित रसायनों से उनका उपचार जरूर करना चाहिए. कावकनाशी से बीजोपचार के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम तथा 01 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचार करने के बाद राइजोबियम कल्चर से बीजोपचार करना चाहिए.

बता दें कि ग्रीष्मकालीन मूंग की बुआई के लिए उपयुक्त समय मार्च के शुरुआती सप्ताह से लेकर 10 अप्रैल तक होता है. इस दौरान मूंग की बुआई करने वाले किसान दो से ढाई महीनों में तैयार होने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं. वहीं, जो किसान इस समय में बुआई करना चूक जाते हैं, तो उन्हें 60 से 65 दिनों में तैयार होने वाली किस्मों का चयन करना चाहिए.