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Diseases in Banana: केले की उपज को बुरी तरह प्रभावित कर रही ये बीमारी, किसानों की बढ़ी चिंता

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Agency:Local18
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Diseases in Banana: भारत में बौनी प्रजाति के केले में पनामा विल्ट रोग का पहला मामला वर्ष 2015 में बिहार के कटिहार जिले में सामने आया था. अब यह गंभीर समस्या दरभंगा के किसानों को भी परेशान कर रही है. पनामा विल्ट केले की उपज को बुरी तरह प्रभावित करने वाली प्रमुख बीमारी है, जिसके कारण बिहार के कोसी क्षेत्र के किसान केले की खेती छोड़कर अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. रिपोर्ट-अभिनव कुमार/ दरभंगा:

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विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग का अब तक कोई प्रभावी समाधान नहीं मिला है. प्रो. (डॉ.) एस.के. सिंह विभागाध्यक्ष, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी और अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक, बताते हैं कि पनामा विल्ट को केवल प्रबंधित करके कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.संक्रमित पौधों की पहचान और प्रबंधन:– संक्रमित पौधों को चिन्हित करने के लिए उन पर रंगीन रिबन या रस्सी बांधें.– पौधे में ग्लाइफोसेट (2-5 मिली/पौधा) का इंजेक्शन दो स्थानों पर लगाएं.
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कीटनाशक और फंगस नियंत्रण:– मुरझाने के संकेत मिलते ही कार्बेडाजिम (0.1-0.3%) का 15 दिनों के अंतराल पर 3-5 बार छिड़काव करें.– आभासी तने पर नीम का तेल या क्लोरपायरीफॉस (3 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें.– खेत को खरपतवार और पौध अवशेषों से मुक्त रखें.– खेत में प्रवेश से पहले और बाद में पॉलीडाइमिथाइल अमोनियम क्लोराइड (1%) घोल का उपयोग करें.
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जलमग्न और जैविक पद्धतियां:– खेत को 1-3 माह तक जलमग्न रखें.– जैविक कीटाणुशोधन के लिए धान या मक्के के पुआल का उपयोग करें और इसे 20-30 दिनों तक जलमग्न रखें. रोपण और पौध प्रबंधन:– ऊतक संवर्धन विधि से तैयार रोगमुक्त पौधों का उपयोग करें.– कार्बेडाजिम (0.2%) में 30-45 मिनट तक डुबोए गए सकर का रोपण करें.
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मृदा स्वास्थ्य सुधार:– जैविक खाद जैसे वर्मीकंपोस्ट, नीम केक और सड़ी हुई गोबर खाद का उपयोग करें.– मृदा में ट्राइकोडर्मा एस्पेरलम और बसिलस सेरियस आधारित द्रव्य का प्रयोग करें.जल और सिंचाई प्रबंधन:– संक्रमित खेत के पानी को अन्य खेतों में न जाने दें.– ड्रिप इरिगेशन और फर्टिगेशन तकनीक अपनाएं.
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विशेषज्ञों का कहना है कि कोसी क्षेत्र, जहां यह रोग पहले ही फैल चुका है, वहां केले की खेती सीमित कर दी जाए और रोग के फैलाव को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जाए. यह रोग किसानों के लिए “कोविड-19 जैसी चुनौती” बन गया है, क्योंकि यह फसल की उपज को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. किसान चाहते हैं कि सरकार और वैज्ञानिक संस्थान इस रोग के प्रभावी समाधान पर काम करें.पनामा विल्ट रोग ने किसानों को केले की पारंपरिक खेती छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. हालांकि विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए प्रबंधन उपायों का पालन कर, इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
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