राजस्थान में यहां शुरू हुई प्याज कण की खेती, नासिक के बीज पर निर्भरता कम, किसान खुद बीज कर रहे तैयार
Last Updated:
Onion cultivation: जिले में सबसे ज्यादा प्याज की खेती की जाती है. जिसकी तैयारी किसानों ने शुरू कर दी है. जिले के किसान अब कुछ नया कर और बाजार की मांग के अनुसार खेती को अपना रहे हैं. किसानों ने प्याज कण की खेती किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. रिपोर्ट- आसिफ खान

प्याज बीज उत्पादन के लिए किसानों की निर्भरता अब बाहरी बाजारों जैसे नासिक और महुआ पर नहीं रही. किसान खुद अपने खेत में प्याज का कण यानी बीज तैयार कर रहे हैं.

किशनगढ़ बास सहायक कृषि निदेशक राजेंद्र बसवाल के अनुसार, खैरथल तिजारा जिले में अब तक 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज कण की बुवाई पूरी हो चुकी है. किसान दिसंबर-जनवरी माह मैं प्याज कण लगाते हैं.
Advertisement

जिससे मई-जून में बीज तैयार होता है. इसके बाद अगस्त-सितंबर में प्याज की मुख्य फसल की बुवाई होती है. जो अलवर और खैरतल तिजारा जिले में बड़े स्तर पर प्याज की बुवाई की जाती है.

खैरथल तिजारा जिले के किशनगढ़ बास सहायक कृषि निदेशक राजेंद्र बसवाल के अनुसार, स्थानीय बीज उत्पादन ने किसानों को महंगे बाहरी बीजों पर निर्भरता से मुक्त कर दिया है.

जिससे उनकी लागत में उल्लेखनीय कमी आई है और मुनाफा बढ़ा है. प्याज कण की खेती अब क्षेत्र के किसानों के लिए केवल जीविकोपार्जन का माध्यम नहीं रही, बल्कि यह उनके आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का आधार बनती जा रही है.
Advertisement

गांवों में नए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं और किसानों का जीवन स्तर सुधर रहा है. प्याज कण की सफल खेती न केवल क्षेत्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि ग्रामीण युवाओं को भी खेती-किसानी से जोड़ने का काम कर रही है. यह बदलाव आने वाले समय में खैरथल क्षेत्र को आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र के रूप में पहचान दिला सकता है.