मंत्री-विधायक से लेकर IAS अफसरों तक में क्रेज, जानें पटना के वो 5 स्कूल जहां आसान नहीं एडमिशन
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Agency:News18 Bihar
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<strong>पटना.</strong> शिक्षा बिहार में हमेशा से ही एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसको लेकर बातें होती हैं साथ ही शिक्षण व्यवस्था पर सवाल भी खड़े होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि पटना में कौन से ऐसे स्कूल हैं जहां बड़े-बड़े नेता, मंत्री, विधायक से लेकर बिहार सरकार के आला अधिकारियों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. इन स्कूलों में एडमिशन के लिए भी लंबी लाईन लगती है. पटना के ऐसे ही टॉप स्कूलों के बारे में <strong>न्यूज़ 18</strong> हिन्दी आपको जानकारी दे रहा है ताकि आप भी अपने बच्चों के दाखिले से पहले इन स्कूलों के बारे में जानकारी हासिल कर लें.

पटना के स्कूलों की बात करें खास करके मिशनरीज की तो इनमें टॉप पर सेंट माइकल स्कूल का नाम आता है. इस विद्यालय में सिर्फ और सिर्फ बॉयज यानी कि लड़कों की पढ़ाई होती है. पटना के इस स्कूल में दाखिला लेना काफी टफ है क्योंकि यहां लिमिटेड सीटों के लिए काफी संख्या में बच्चों के आवेदन आते हैं. स्कूल में बच्चे को पढाने वाले एक अभिभावक ने बताया कि अगर फीस स्ट्रक्चर की बात करें तो हर महीने करीब 3000 रुपया का स्कूल फी (ट्टूशन) के तौर पर आता है. ये स्कूल पटना में 1858 से ही है जो कि दीघा इलाके में है. इस स्कूल में एलकेजी से लेकर 12वीं तक की पढाई होती है. स्कूल में दाखिला के दौरान अलग-अलग फीस जोड़कर करीब 60-65 हजार का खर्च आता है.
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पटना के टॉप विद्यालयों में दूसरे जबकि गर्ल्स स्कूल में पहले पायदान पर नोट्रे डेम है. सीबीएसई बोर्ड वाले इस स्कूल में केवल बच्चियों की पढ़ाई होती है. यहां पहली से लेकर 12वीं तक की बच्चियों की पढाई होती है. पटना के गर्ल्स स्कूल की बात करें तो मिशनरीज स्कूल में ये टॉप पर है. यही कारण है कि यहां पटना के कई विधायक के अलावा मंत्री और अधिकारियों की बच्चियां अभी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. एक अभिभावक के मुताबिक इस विद्यालय में ही ट्यूशन फीस प्रति माह औसतन 2 से 3 हजार रुपए के बीच आता है. जबकि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में शुरू में कुछ पैसे ज्यादा देने पड़ते हैं.

पटना का माउंट कार्मेल स्कूल भी लड़कियों की शिक्षा के लिए गार्जियन की पसंद बनता है. इस स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां भी काफी बेहतर हैं. मुख्य रूप से लोग अपने बच्चे को सबसे पहले मिशनरी स्कूल में भेजने के लिए प्रयास करते हैं. स्कूल में पढ़ने वाली एक बच्ची की मां ने बताया कि अधिकांश बच्चे जो बड़े राजनेता या अधिकारी के होते हैं कुछ चुनिंदा स्कूलों में पढ़ते हैं जहां आम लोगों के बच्चों का नामांकन मुश्किल से होता है.

पटना का सेंत जोसफ कॉन्वेंट स्कूल भी काफी लोकप्रिय है. ये स्कूल भी केवल लड़कियों के लिए है. इस स्कूल में 12वीं तक की पढाई होती है. पटना के बांकीपुर इलाके में ये स्कूल 1853 से चल रहा है. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष समायल अहमद कहते हैं कि पटना में 1000 से अधिक अच्छे निजी स्कूल हैं जहां सभी वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं लेकिन मुख्य रूप से लोग अपने बच्चे को सबसे पहले मिशनरी स्कूल में भेजने के लिए प्रयास करते हैं.
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पटना में पांचवी पायदान पर सेंट जेवियर स्कूल आता है. गांधी मैदान इलाके में अवस्थित ये स्कूल पटना में निजी विद्यालयों में अपनी पहचान बना रखा है. इस विद्यालय में पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों पर भी खास फोकस किया जाता है. इस स्कूल की फीस भी काफी कम है लेकिन यहां पर पढ़ने वाले बच्चों में एडमिशन लेने को लेकर काफी क्रेज रहता है. इस स्कूल में सीबीएसई और आईसीएसई, दोनों बोर्ड की पढ़ाई होती है.

पटना के मिशनरीज स्कूल में डॉन बास्को का भी काफी नाम है. इस स्कूल में लड़के और लड़कियों, दोनों की पढ़ाई होती है. 1973 से ये स्कूल दीघा-आशियाना रोड में है. इस स्कूल में ICSE बोर्ड की पढाई होती है. पटना में लोगों की पहली पसंद मिशनरी स्कूल पहली होती है. इसकी वजह है इन स्कूलों का ट्रैक रिकॉर्ड काफी बेहतर होना. चूंकि आज भी देश के कोने-कोने में इन स्कूलों के बच्चे बड़े पदों पर काम कर रहे हैं. ऐसे में इन स्कूल में बच्चों का दाखिला कराना हर गार्जियन का सपना और कोशिश दोनों होता है.