ये है दुनिया का सबसे बदनसीब सांप, विषैला नहीं, फिर भी सिर कुचल देते हैं लोग, बरसात में घर को बनाता है ठिकाना
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Wolf Snake Species: कॉमन करैत की तरह ही बनावट होने की वजह से वुल्फ स्नेक को हर वक्त गलतफहमी में मार दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि छिपकलियों को खाने के लिए वुल्फ स्नेक घरों में घुस आता है, जिसे ज्यादातर लोग विषैला कॉमन करैत समझ कुचल देते हैं. ऐसे में विषहीन होने के बावजूद भी वुल्फ स्नेक मुफ्त की मौत मारा जाता है. बिहार में वुल्फ स्नेक की तीन प्रजातियां पाई जाती है, जिसमें कॉमन वुल्फ, बार्ड वुल्फ और ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक शामिल है.

बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व सहित भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में वुल्फ स्नेक नामक एक ऐसा विषहीन सांप पाया जाता है, जिसकी बनावट बहुत हद तक एशिया के सबसे ज़हरीले सांप कॉमन करैत से मिलती है.

बिग फोर की लिस्ट में शामिल, भारत में सबसे अधिक दंश और उससे होने वाली मौतों का जिम्मेवार ‘कॉमन करैत’ की तरह दिखना ‘वुल्फ स्नेक’ के लिए किसी बुरे श्राप से भी बद्तर हो चुका है.दरअसल, ज्यादातर लोग वुल्फ स्नेक को कॉमन करैत समझ बैठते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए उसे मार डालते हैं.
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ऐसे में विषहीन होने के बावजूद भी वुल्फ स्नेक मुफ्त की मौत मारा जाता है. VTR और कतर्नियाघाट जैसे वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पर काम कर रहे वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अभिषेक बताते हैं कि पश्चिम चम्पारण सहित पूरे बिहार में वुल्फ स्नेक की तीन प्रजातियां पाई जाती हैं.इनमें कॉमन वुल्फ, बार्ड वुल्फ और ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक शामिल हैं.

गौर करने वाली बात यह है कि वुल्फ स्नेक की ये तीनों प्रजातियां विषहीन होती हैं. इनके दंश से बड़े तो दूर, बच्चों को भी कोई ख़तरा नहीं होता है. इसके बावजूद कॉमन करैत के शक में इसे मारना, वुल्फ स्नेक के अस्तित्व पर खतरे की तरह मंडरा रहा है.

अभिषेक बताते हैं कि थोड़ी सी सजगता बरतने से कोई भी इंसान वुल्फ स्नेक और कॉमन करैत में अंतर स्पष्ट कर सकता है. जहां कॉमन करैत की बनावट त्रिभुजाकर होती है और उसके रीढ़ की हड्डी को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, वहीं वुल्फ स्नेक की बनावट बेलनाकार होती है. जहां कॉमन करैत का रंग काला और उसपर सफेद रंग की धारी होती है, वहीं वुल्फ स्नेक का रंग ब्राउनिश और उसपर हल्के पीले रंग की धारी होती है.
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