Success Story: इस शख्स का है अमिताभ बच्चन की फिल्म से कनेक्शन, देखकर मिली प्रेरणा, UPSC पास कर बन गए अफसर
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Success Story : फिल्मों का हमारी लाइफ पर कितना असर है, इससे हर कोई वाकिफ है. कई लोग फिल्मों से प्रेरित होकर अपना ड्रेसिंग और हेयर स्टाइल तक बदल लेते हैं. आज आपको एक ऐसी शख्सियत की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्हें बॉलीवुड की एक फिल्म देखकर अपने जिंदगी का मकसद मिल गया. ये शख्स हैं तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले राहुल शर्मा. आइए जानते हैं उनके संघर्ष से सफलता तक के सफर के बारे में.

राजस्थान के सांगरिया में जन्में और पले-बढ़े राहुल का बचपन परिवार के स्नेह में बीता. उनकी मां हाउस वाइफ थीं और पिता राज्य जीएसटी विभाग में थे. राहुल छठवीं कक्षा में एक दिन पिता के साथ टीवी देख रहे थे. जिस पर सूर्यवंशम फिल्म आ रही थी. इस फिल्म के एक सीन ने उनके मन में आईएएस-आईपीएस बनने के सपने का बीज बो दिया. राहुल ने फिल्म में राधा के कलेक्टर के रूप में लौटने पर मिल रहे सम्मान के बारे में पिता से पूछा. पिता ने उन्हें कलेक्टर पद के बारे में बताया. राहुल ने उस समय कहा कि किसी दिन मैं भी कलेक्टर बनूंगा.

राहुल ने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया है. एक इंटरव्यू में वह बताते हैं कि कॉलेज में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर काफी चर्चा होती थी. उनके कई साथी यूपीएससी पास करके आईएएस और आईपीएस बनना चाहते थे. राहुल ने भी साल 2020 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी परीक्षा में बैठने का फैसला किया.
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राहुल को अपनी क्षमताओं पर भरोसा था कि वह अनने पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर सकते हैं. हालांकि इस ओवरकॉन्फीडेंस ने उन्हें झटका दिया. पहले प्रयास में प्रीलिम्स पास नहीं कर सके. वह प्रीलिम्स के दबाव के लिए तैयार नहीं थे. नतीजन बुरी तरह असफल रहे. वह बताते हैं कि मैं इतना प्रेशर में आ गया कि बहुत कम प्रश्न अटेम्प्ट कर सका.

पहले प्रयास में मिली असफलता के बाद राहुल एक सप्ताह तक आत्मनिरीक्षण करते रहे. इसके बाद उन्होंने फिर से संकल्प मजबूत किया और दोबारा तैयारी में जुट गए. राहुल ने बताया कि उन्होंने दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स तो पास कर ली. लेकिन मुख्य परीक्षा से छह दिन पहले डेंगू हो गया. जिसके चलते मुख्य परीक्षा छोड़नी पड़ गई.

राहुल बताते हैं कि उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में नया दृष्टिकोण अपनाया. सावधानीपूर्वक स्टडी प्लान तैयार किया. सोशल मीडिया जैसी चीजों से नाता तोड़ लिया. एक नया सिमकार्ड खरीदा. ताकि कुछ करीबी दोस्तों के अलावा कोई और डिस्टर्ब न कर सके. उन्होंने अप्रैल 2023 से सितंबर 2023 तक अपने आपको पढ़ाई में पूरी तरह डुबो दिया.
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राहुल बताते हैं कि उन्होंने यूपीएससी के लिए पढ़ने को काम की बजाए एक लक्ष्य माना. वह प्रतिदिन 10-12 घंटे पढ़ते थे. इस मेहनत और समर्पण का नतीजा यह रहा कि तीसरे प्रयास में वह ऑल इंडिया 628 रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने में कामयाब रहे. वह अपने इंटरव्यू के बारे में बताते हैं कि अति विनम्र व्यवहार और फैंसी इंग्लिश न आने के कारण शायद मैं इसमें पिछड़ गया. हालांकि इंटरव्यू काफी अच्छा गया था. लेकिन इसमें उम्मीद से कम 124 अंक ही मिले.