घंटों तक बूंद-बूंद से भरता है मटका, तब मिलता है चुल्लू भर पानी, रुला देंगी जलसंकट की ये तस्वीरें
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भीषण तपती गर्मी हो, नदी नाले तालाब कुंएं सब सुख जाएं. हैंड पंम से भी पानी न निकले तो जीवन नर्क जैसा ही बन जायेगा. जानकर हैरानी होगी कि, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक गांव जलसंकट की घोर समस्या से जूझ रहा है. पानी की जद्दोजहद देख आपकी आंखों से आंसू भी आ सकते हैं. सर पर बर्तन रख लंबा सफर, बूंद-बूंद कर भरता मटका और फिर उससे मिलता चुल्लू भर पानी. इतने पानी के लिए भी लाइन लगानी पड़ती है. पानी के जद्दोजहद की ये तस्वीरें उन लोगों के लिए चेतावनी भी हैं, जो पानी की खूब बर्बादी करते हैं.

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के करका गांव के लोग पानी की घोर समस्या से जूझ रहे हैं. पानी की कमी की वजह से लोग नर्क भरा जीवन जीने को मजबूर हैं. धमतरी के नगरी ब्लॉक में रिसगांव के पास वन ग्राम करका में हर साल गर्मियो में भीषण जल संकट झेलना पड़ता है.

धमतरी प्रशासन ने यहां हैंड पम्प खुदवा रखा है, लेकिन अब तो वो भी सूख चुका है. मजबूरन गांव वाले झरिया का पानी पी रहे हैं. झरिया का मतलब सूखे हुए नदी नालों, में रेत के नीचे जो थोड़ा बहुत पानी रहता है, उसे निकालने के लिए गड्ढा खोद दिया जाता है. कुछ घण्टे के बाद पानी रिस रिस कर गड्ढे में भरता है, इसे झरिया कहते हैं.
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धमतरी के करका गांव में हालात और भी बुरे हैं. झरिया में भी पानी पर्याप्त मात्रा में एक साथ इकट्ठा नहीं हो रहा है. ऐसे में छोटे से गड्डे में छेद किया हुआ मटका रख दिया गया है. उस मटके में बूंद-बूंद कर पानी इकट्ठा होता है, उसके बाद इसी पानी को ग्रामीण बर्तन में भर कर उपयोग करते हैं.

धमतरी के करका गांव में दरअसल जिंदा रहने और पानी की जरूरत को पूरा करने यही अंतिम विकल्प बचा है. गांव के लच्छू राम, कुमारी बाई और अन्य लोगों ने बताया कि, गर्मियो में हर साल हालात ऐसे ही परेशान रहते हैं. ग्रामीण कई बार विधायक और प्रशासन को अपनी समस्या बता चुके हैं, लेकिन हालात नहीं बदले.