PHOTOS: ये हैं दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिर, खूबसूरती ऐसी कि दूर-दूर से लोग आते हैं देखने
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आकांक्षा दीक्षित/दिल्ली: भारत में कई जैन मंदिरों की अपनी एक रोचक कहानी है, वहीं दिल्ली में भी कुछ ऐसे ही सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिर हैं, जहां लोग देश के कोने कोने से दर्शन करने के लिए आते हैं. आज आपको हम दिल्ली के टॉप जैन मंदिरों के बारे में विस्तार से बताएंगे.

दिल्ली में श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर काफी मशहूर है. ये मंदिर 17वीं शताब्दी में बनाया गया था और आप जब इस मंदिर में जाएंगे तो आप महसूस करेंगे कि इसका आर्किटेक्चर काफी अलग है. यह मंदिर दिल्ली में लाल किले के पास स्थित है और यहां आप कार, बस ओटो या फिर मेट्रो किसी से भी जा सकते हैं. दिल्ली का श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक खुला रहता है.

दिगंबर जैन मंदिर दिल्ली के पटपड़गंज में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण मुगलकाल में हुआ था, और यह लगभग 400 साल पुराना है. इसका आर्किटेक्चर भारतीय वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है. आगर आप दिल्ली घूमने जा रहे हैं, तो दिगंबर जैन प्राचीन मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाएं.
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दिल्ली के जैन मंदिरों की सूची में "श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सेठ कूंचा दरीबा कलां मंदिर" भी शामिल है. इस मंदिर का निर्माण सेठ इन्द्र राज जी ने 200 वर्ष पहले कराया था और वे इसी कूंचे में रहते थे. यह मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है और मुख्य वेदी पर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा है, जो कि मंदिर के स्थापना काल से ही है.

श्वेतांबर जैन मंदिर किनारी बाजार, मोहल्ला नौधारा में स्थित है, और इसे शाहजहां के काल का माना जाता है. यह मंदिर श्वेतांबर जैन समुदाय का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है, जिसका पुनर्निर्माण 1709 ई. में हुआ था. इस मंदिर में प्रतिमा सुमतिनाथ जी की है और इसके भवन में स्वर्ण चित्रकारी का काम है. इस मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.

जैन पंचायती मंदिर गली मस्जिद खजूर" में स्थित है, और इसका निर्माण मोहम्मद शाह द्वितीय के सैनिक आज्ञामल ने 1743 ई. में करवाया था, जिसे "पांडे जी का मंदिर" भी कहा जाता है. इस मंदिर में पारसनाथ जी की श्यामवर्ण मूर्ति है, जो 4 फुट 6 इंच ऊंची और तीन फुट पांच इंच चौड़ी है. यहां कई रत्न प्रतिमाएं भी हैं, और सबसे प्राचीन मूर्ति को 1346 ई. की और अन्य दस-बारह मूर्तियों को 1491 की माना जाता है. इस मंदिर में करीब 3,000 अप्राप्य हस्तलिखित शास्त्रों का और अन्य मुद्रित ग्रंथों का संग्रह है.