जेट एयरवेज डूबी तो छिनेगी 20 हजार नौकरियां, जानिए क्या है पूरा मामला!
Agency:News18Hindi
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भारी नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज बंद होने के कगार पर पहुंच गई है.

प्राइवेट एयरलाइंस जेट एयरवेज (Jet Airways) भारी नकदी संकट से जूझ रही है जिसकी वजह से जेट एयरवेज बंद होने के कगार पर पहुंच गई है. इसके स्टेकहोल्डर्स का एयरलाइन के रिवाइवल को लेकर विश्वास कम होता जा रहा है और लेंडर्स इसे और कर्ज देने से बच रहे हैं. इससे देश की इस पुरानी प्राइवेट एयरलाइन के कामकाज जारी रख पाने को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है.

सिर्फ 5 विमान भर रहे उड़ान- जेट एयरवेज के सिर्फ 5 विमान ही फिलहाल उड़ान भर रहे हैं. वहीं प्रबंधन कंपनी को बचाए रखने के लिए 400 करोड़ रुपये के आपातकालीन धन जुटाने के लिए प्रयासरत है, क्योंकि कर्जदाता (Bank) अभी तक कंपनी के आगे के भविष्य पर निर्णय नहीं ले पाए हैं.
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कंपनी डूबी तो छिनेंगे 20 हजार रोजगार- जेट एयरवेज की खराब स्थिति से 20 हजार नौकरियों पर संकट आ गया है. जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन ने SBI से 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की अपील की है. कर्ज की पुनर्संरचना की पिछले महीने तैयार योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक को जेट एयरवेज में 1,500 करोड़ रुपये लगाने हैं.

50% कम सैलरी में नौकरी ले रहे पायलट और इंजीनियर- जेट एयरवेज में चल रही क्राइसिस का खामियाजा वहां पर काम करने वाले इंजीनियर्स और पायलट्स को भुगतना पड़ रहा है. एजेंसी की खबरों के मुताबिक स्पाइसजेट में जेट एयरवेज के पायलट्स को उनके मौजूदा सैलरी पैकेज से 25-30 फीसदी और इंजीनियरों को 50 फीसदी तक की कटौती पर नौकरी मिल रही है.

यात्रियों के पैसे अटके- पिछले कई महीनों से कंपनी की डांवाडोल स्थिति बनी हुई है जिससे यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. जेट न तो यात्रियों के पैसे लौटा रही है, न ही सेवा मुहैया करवा पा रही है. जिन यात्रियों ने जेट के विशेष पैकेज के तहत कई महीने पहले बुकिंग करा ली थी उनकी संख्या काफी ज्यादा है. टिकट कैंसिल करने वाले यात्रियों के करीब 3500 करोड़ रुपये कंपनी को लौटाने हैं.
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क्या है जेट का मामला- जेट एयरवेज के पतन की शुरुआत तब हुई जब सहारा एयरलाइन को लगभग 2,250 करोड़ रुपये में खरीद लिया. इसके बाद किफायती विमान सेवा वाली गो एयर, स्पाइसजेट और इंडिगो जैसी एयरलाइंस के आने से कम होता गया. जेट ने जब मुकाबला करने के लिए किराए कम करने शुरू किए तो उसे नुकसान होने लगा. लेकिन जेट फ्यूल महंगा होना शुरू हुआ तो किराए बढ़ने लगे और लोगों ने महंगे के बजाएय बजट एयरलाइंस को ही पसंद किया.

जेट पर 8500 करोड़ का कर्ज- जेट एयरवेज पर करीब 8500 करोड़ रुपये का कर्ज है. हालात ये हो गए कि पिछले महीने जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को पत्नी के साथ कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा.

कब मिलेंगे 1500 करोड़ रुपये- SBI की अगुवाई में बैंकों का समूह कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी तत्काल डालने पर सहमत हुआ है. इसके लिए 11.4 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे. इसके परिणामस्वरूप नरेश गोयल की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ जाएगी. वहीं अबू धाबी के एतिहाद एयरवेज की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत पर आ जाएगी. समाधान योजना के तहत नए निवेशकों को बेचने के लिए बैंक समूह बोली प्रक्रिया शुरू करेगा और जून तिमाही में इसके पूरा होने की उम्मीद है.
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