बंटवारे के बाद भी इतने वक्त तक पाकिस्तान के लिए काम करता रहा था रिजर्व बैंक
Agency:News18Hindi
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भारत का सबसे बड़ा सरकारी सोने का ख़जाना RBI के नागपुर ऑफिस में रखा हुआ है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, भारत का केंद्रीय बैंक है. किसी देश में एक केंद्रीय बैंक का होना नई तरह की परंपराओं का हिस्सा है. इसलिए ज्यादातर केंद्रीय बैंक सन् 1900 के बाद ही स्थापित हुए हैं.

RBI की संकल्पना अंबेडकर की किताब में दिए गए विचारों, काम करने के तरीके और संरचना के हिसाब से की गई थी. इस किताब का नाम था, 'द प्रॉब्लम ऑफ रुपी - इट्स ओरिजिन एंड इट्स सॉल्यूशन'.
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रिजर्व बैंक की स्थापना द रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 के तहत हुई थी. इसके तहत वे बैंक आते थे जो 1 अप्रैल, 1935 तक शुरू हो चुके थे. इसकी स्थापना हिल्टन यंग कमीशन की सिफारिश पर की गई थी. 1926 में बनाए गए रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फायनेंस, जिसे हिल्टन-यंग कमीशन के नाम से भी जाना जाता है की सिफारिश पर इस बैंक की स्थापना की गई थी.

इस केंद्रीय बैंक का निर्माण इन कामों के लिए हुआ था-<br />बैंकनोट जारी किए जाने को रेगुलेट करना<br />पैसे की स्थिरता बनी रहे इसके लिए पैसों को रिजर्व रखना<br />क्रेडिट और करेंसी सिस्टम को मुनाफे के लिए संचालित करना

रिजर्व बैंक ने सरकार के उन सारे कामों को उस वक्त अपने हाथ में ले लिया था, जो उस वक्त सरकार के लिए कंट्रोलर ऑफ करेंसी कर रहा था और इसके लिए इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनाया गया था. जो सरकार के खातों और पब्लिक ऋण का सारा ब्योरा देखता था. इसके पहले से कलकत्ता, बॉम्बे, मद्रास, रंगून, कराची, लाहौर और कानपुर में ऑफिस थे.
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1937 में बर्मा (म्यांमार) भारतीय यूनियन से अलग हो गया लेकिन रिजर्व बैंक ने वहां जापान के कब्जे और उसके बाद भी अप्रैल, 1947 तक केंद्रीय बैंक के तौर पर काम करना जारी रखा.

भारत विभाजन के बाद भी रिजर्व बैंक ही पाकिस्तान का भी केंद्रीय बैंक था. इसने यह काम जून, 1948 तक किया, जब तक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने काम करना शुरू नहीं कर दिया.

जबसे रिजर्व बैंक की स्थापना हुई है, इसे विकास, खासकर कृषि के विकास में एक अहम रोल निभाने वाली केंद्रीय संस्था के तौर पर देखा जाता है.
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RBI का लोगो ईस्ट इंडिया कंपनी की डबल मुहर से कॉपी किया गया है. इस लोगों में दो मुहर के सिक्के पर छपे शेर को चीते से बदल दिया गया है.

सिक्के ढालने और एक रूपये के नोट को छापने की जिम्मेदारी RBI की न होकर भारत सरकार की होती है. सिक्के ढालने का सारा अधिकार भारत सरकार के पास होता है. इसके सारे आकार और प्रकार भी भारत सरकार ही निर्धारित करती है.
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2013-14 में RBI ने अपने मुनाफे से 52679 करोड़ रूपये भारत सरकार को दिए थे. इस दौरान रिजर्व बैंक ने कुल 2100 करोड़ नोट छापे थे.

सुनने में यह अजीब लग सकता है लेकिन RBI में ग्रेड II का कोई कर्मचारी काम नहीं करता. RBI में केवल ग्रेड I, ग्रेड III और ग्रेड IV के कर्मचारी हैं.

RBI ने नकली नोटों के बारे में जानकारी देने के लिए एक वेबसाइट बनाई थी. जहां पर नकली नोटों को पकड़ने की विस्तार में जानकारी दी गई थी. इस वेबसाइट का एड्रेस था, www.paisaboltahai.rbi.org.in
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RBI का पहला हेडक्वार्टर कलकत्ता में खोला गया था. बाद में 1937 में इसे मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया. केंद्रीय बैंक के इस केंद्रीय ऑफिस में गर्वनर बैठते हैं और यहीं से सारी नीतियों को लागू किया जाता है.

इसे 1 अप्रैल, 1935 में एक प्राइवेट इंस्टीट्यूशन के तौर पर बनाया गया था. हालांकि अब यह एक सरकारी संस्था है लेकिन 1949 तक इस केंद्रीय बैंक का राष्ट्रीयकरण नहीं हुआ था.
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