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Couplets of Muneer Niyazi: 'ख़्वाब होते हैं देखने के लिए...' पढ़ें, मुनीर नियाज़ी के शेर

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Couplets of Muneer Niyazi: मुनीर नियाज़ी (Muneer Niyazi) का जन्म 1 अप्रैल 1923 को पंजाब (Punjab) के होशियारपुर में हुआ था. आज पढ़ें उनके लिखे चुनिंदा शेर (Munner Niyazi Sher)

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आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है
आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए, <br />वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है
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ख़्वाब होते हैं देखने के लिए उन में जा कर मगर रहा न करो
ख़्वाब होते हैं देखने के लिए, <br />उन में जा कर मगर रहा न करो
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ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं
ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं, <br />तू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे खोया नहीं
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मोहब्बत अब नहीं होगी ये कुछ दिन ब'अद में होगी गुज़र जाएँगे जब ये दिन ये उन की याद में होगी
मोहब्बत अब नहीं होगी ये कुछ दिन ब'अद में होगी, <br />गुज़र जाएँगे जब ये दिन ये उन की याद में होगी
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थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ, <br />मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ
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ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था (साभार-रेख़्ता)
ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत, <br />शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था (साभार-रेख़्ता)
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'ख़्वाब होते हैं देखने के लिए...' पढ़ें, मुनीर नियाज़ी के शेर