मजदूरों के लिए बनाई गई थी जींस, पढ़ें जींस की पूरी कहानी
Agency:News18Hindi
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जींस दशकों पुराना नहीं बल्कि सदियों पुराना है और जिस जींस को फैशन का बहुत बड़ा पार्ट समझा जाता है वो किसी ज़माने में मजदूरों का पहनाव समझा जाता था.

जींस एक ऐसा बेसिक आउटफिट है जो कि हर ऑकेजन के लिए परफेक्ट माना जाता है. महिला हो या पुरुष हर किसी के लिए ये एक बेहतरीन विकल्प है.

पर क्या आप जानते हैं कि जिस जिंस को इतने मजे से पहनते हैं, उसे फैशन का हिस्सा बनने के लिए कितनी मशक्कत करना पड़ी थी. आइए जानते हैं जींस की कहानी.
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जींस दशकों पुराना नहीं बल्कि सदियों पुराना है और जिस जींस को फैशन का बहुत बड़ा पार्ट समझा जाता है वो किसी ज़माने में मजदूरों का पहनावा समझा जाता था.

जींस का अविष्कार 19 वीं सदी में फ्रांस के शहर NIMES में हुआ था, जिस कपडे़ से जीन्स बनी है उसे फ्रेंच में “Serge” कहते हैं और इसे नाम दिया गया “Serge de Nimes”. फिर लोगों ने इसको शॉर्ट कर दिया और ये हो गई Denims (डेनिम्स).धीरे धीरे डेनिम्स पूरे यूरोप में पॉपुलर हो गई. इसे सबसे ज्यादा सेलर्स (नाविकों) ने पसंद किया. लोगों ने इन सेलर्स को सम्मान देने के लिए एक निकनेम दिया- जो था जीन्स.

भारत में डेनिम से बने ट्राउजर्स डूंगा के नाविक पहना करते थे, जिन्हें डूंगरीज के नाम से जाना जाता था. उनके लिए जींस का फैब्रिक उनके काम के मुताबिक परफेक्ट था.
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1850 आते-आते एक जर्मन व्यापारी लेवी स्ट्रॉस ने कैलिफोर्निया में जींस पर अपना नाम छापकर बेचना शुरू किया. वहां एक टेलर (जेकब डेविस) उसका सबसे पहला कस्टमर बना. उसने भी लोगों को जींस बेचना शुरू कर दिया. वहां कोयले की खान में काम करने वाले मजदूर इसे ज्यादा खरीदते, क्योंकि इसका कपड़ा बाकी फैब्रिक से थोड़ा मोटा था, जो उनके लिए काफी आरामदायक था.

एक दिन डेविस ने स्ट्रॉस से कहा कि क्यों न हम दोनों मिलकर इसका एक बड़ा बिजनस शुरू करें. स्ट्रॉस को डेविस का प्रपोजल काफी पसंद आया. इस तरह उन्होंने जींस के लिए यूएस पेटेंट ले लिया और फिर जींस का बड़े पैमाने पर जींस बनाना शुरू कर दिया.

वैसे तो बहुत से रंगों मे डेनिम रंगी जाती है पर पहली जीन्स नीले रंग में ही बनाई गई थी. शुरू में जींस मजदूरों और मेहनती लोगों द्वारा ही पहनी जाती थी. उनके कपडे जल्दी गंदे हो जाते थे, मैले होने पर भी जींस गंदी न दिखे इसलिए इनका रंग नीला रखा गया.
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पुरुषों के लिए बनी जींस में जिप फ्रंट में नीचे की तरफ लगाई जाती थी, वहीं महिलाओं के लिए बनी जींस में इसे साइड में लगाया जाता था.

जिंस को पहनने को बाद बूट्स पहनने में दिक्कत होती थी इसी के तहत अमेरिकन नेवी में बूट कट जींस को वर्कर्स की यूनिफॉर्म बनाया गया.

1950 में जेम्स डीन ने एक हॉलिवुड फिल्म ‘रेबल विदाउट अ कॉज’ बनाई, जिसमें उन्होंने पहली बार जींस को बतौर फैशन यूज किया. इस फिल्म को देखने के बाद अमेरिका के टीन एजर्स और यूथ में जींस का ट्रेंड छा गया.
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इसकी लोकप्रियता कम करने के लिए अमेरिका में रेस्तरां, थियेटर्स और स्कूल में जींस पहनकर जाने पर बैन भी लगा दिया गया, फिर भी जींस का फैशन यूथ के सिर पर ऐसा चढ़ा कि फिर उतरा ही नहीं.
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