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भगवान ऐसा बेटा सबको दे! पिता की बिगड़ी तबियत, तो छोड़ दी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब, घर बैठे सैलरी से ज्यादा इनकम

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Agency:Local18
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औरंगाबाद जिले के सदर प्रखंड में स्थित पिछले 24 सालों से भोला जी का लिट्टी-चोखा दुकान अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, जिसे खाने के लिए सुबह से लंबी कतारें लगती हैं. शुद्ध घी में बने लिट्टी-चोखा का स्वाद तो बेमिसाल है ही, साथ में इसकी कीमत भी किफायती है. यही कारण है कि यहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है. (रिपोर्टः राजकुमार/ औरंगाबाद)

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इस दुकान के संचालक चंदन कुमार ने Local18 को बताया कि इस दुकान को साल 1990 में उनके पिता के द्वारा खोला गया था. उस समय इस लिट्टी की कीमत 2 रुपए प्रति प्लेट होती थी. 1990 से लेकर अभी तक इसे शुद्ध और बिना लहसुन प्याज के बनाया जाता है. बता दें कि इस दुकान में रोजाना 500 से अधिक ग्राहकों की भीड़ होती है.
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चंदन कुमार ने बताया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और दिल्ली में काम करते थे. कोविड के दौरान उस भयावह स्थिति को देख सभी का दिल दहल गया था. उसके बाद से घर वालों ने बाहर जाने से मना कर दिया.
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इधर पिता जी की तबीयत बिगड़ने की वजह से नौकरी को छोड़ दुकान पर ही सारा समय देने लगा. पिछले 4 सालों से चंदन सिंह द्वारा इस दुकान का संचालन किया जा रहा है, जहां पर उन्होंने लिट्टी-चोखा के साथ-साथ बिरयानी हाउस भी खोल लिया है.
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चंदन सिंह ने Local18 को बताया कि जितना मैं सैलरी लेता था, उससे कहीं ज्यादा स्टाफ में सैलरी बांटता हूं. इस दुकान में 10 से अधिक स्टाफ हैं, वहीं कई स्टाफ 20 वर्ष पुराने हैं.
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इस समय लिट्टी-चोखा की कीमत 25 रुपए प्रति प्लेट है. बता दें कि लिट्टी चोखा की दुकान से दुकानदार को लगभग 2 लाख रुपए तक का मुनाफा होता है.
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