Advertisement

अहिल्या बाई होलकर का खरगोन से गहरा नाता! इंदौर नही...यहां बनाई थी राजधानी, हर साल इसी जगह मनाई जाती है जयंती

Last Updated:

Ahilyabai Holkar Jayanti: अहिल्या बाई होलकर उन चुनिंदा शासकों में से है, जिन्होंने प्रजा के उद्धार के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया. लेकिन क्या आपको पता है कि उन्होंने इंदौर को छोड़ महेश्वर को अपनी राजधानी बना लिया. यहीं से पूरे राज्य में वे अपना शासन चलाती थी. आइए जानते हैं...

1/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
राज्य की प्रजा अहिल्या बाई होलकर को देवी मानती थी. आज भी लोग उन्हें मातोश्री देवी अहिल्या बाई होलकर के नाम से संबोधित करते है. इसके पीछे वजह यह भी रही कि उन्होंने अपने राज्य की सीमा से बाहर पूरे देश में मानवता की भलाई के लिए कार्य किए.
2/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
बता दें कि मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई का खरगोन से बड़ा ही गहरा नाता रहा है. यहीं वजह है कि हर साल 31 मई को होलकर राजवंश परिवार द्वारा इंदौर की बजाय महेश्वर में ही अहिल्या बाई का जन्मदिन मनाया जाता है.
3/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
दरअसल, खरगोन से करीब 59 Km दूर नर्मदा नदी के किनारे बसी माहिष्मति नगरी (वर्तमान महेश्वर) में बना किला और यहां की आबो हवा अहिल्या बाई को इतनी पसंद आई की उन्होंने इंदौर को छोड़ महेश्वर को ही अपनी राजधानी बना ली. यहीं से पूरे राज्य में वे अपना शासन चलाती थीं. हालांकि, वे महेश्वर और इंदौर (राजवाड़ा) दोनों ही स्थानों पर आवागमन किया करती थीं, लेकिन, अधिकांश समय उनका महेश्वर में ही बीता. उनके जाने के बाद भी दूसरे शासकों ने महेश्वर से ही शासन चलाया था.
4/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
अहिल्याबाई होलकर ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भी पूरे भारत के प्रसिद्ध तीर्थों और विभिन्न स्थानों में मंदिर, घाट, कुओं, बावड़ियों का निर्माण करवाया. मार्गों का दुरस्तीकरण, भूखों के लिए अन्नक्षेत्र, प्यासों के लिए प्याऊ लगवाए एवं लोगों को रोजगार देने के लिए उद्योग स्थापित किए. वाराणसी का अहिल्याघाट भी उन्हीं की देन है.
5/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
त्रेतायुग में रावण और आधुनिक युग में अहिल्या बाई को भगवान शिव का सबसे बड़ा उपासक माना जाता है. मुगलकाल में औरंगजेब द्वारा तोड़े गए अनेकों मंदिरो का उन्होंने जीर्णोद्धार करवाया. चारों धाम सहित देश के कोने-कोने में लाखों शिवालयों की स्थापना की.
6/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
31 मई की सुबह 6:30 बजे अहिलेश्वर मंदिर में होलकर राजपरिवार द्वारा रुद्राभिषेक, पूजा, आरती के बाद प्रसादी का वितरण होगा. 8 बजे मां साहेब का राजवाड़े पर आरती, पूजन एवं माल्यार्पण होगा. गाजे बाजे के साथ बैलगाड़ी में परंपरागत वेशभूषा में पालकी यात्रा निकलेगी. जरूरत मंदों में अनुदान बांटा जाएगा.
7/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
महेश्वर नगर परिषद सीएमओ मनोज शर्मा ने local 18 को बताया कि मातोश्री अहिल्या बाई की 300 वीं जयंती गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी. 31 मई शुक्रवार की सुबह 6 बजे दत्त आश्रम जलकोटी से नर्मदा भवन तक मैराथन दौड़ होगी. किला परिसर स्थिति अहिलेश्वर मंदिर में शाम 4 से 5:30 बजे तक रंगोली और मेंहदी प्रतियोगिता होगी. 6 बजे कैनो सलालम का डेमो पेश किया जाएगा.
8/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
वहीं, शाम 7 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा. इसमें देश के प्रसिद्ध कवि शामिल होंगे. इसमें दिनेश दिग्गज (उज्जैन), नम्रता नमिता (भोपाल), देव कृष्ण व्यास (देवास), रोहित झन्नाट (इंदौर), कुलदीप रंगीला (देवास), राजेश प्रजापत (घेंगांव) एवं नरेंद्र श्रीवास्तव अटल (महेश्वर) कविताएं प्रस्तुत करेंगे.
9/9
अहिल्या बाई होलकर जयंती, महेश्वर गौरव दिवस, local 18, khargone letest news, Madhya Pradesh Hindi news,
इतिहासकार एवं लेखक हरीश दुबे ने लोकल 18 को बताया कि अहिल्या बाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में मांकोजी शिंदे की पुत्री के रूप में हुआ था. 10-12 साल की उम्र में उनका विवाह मराठा साम्राज्य के सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर के साथ हुआ था. 1767 से 1795 तक (28 साल) उन्होंने राज्य पर शासन किया. अहिल्याबाई के निधन के बाद महाराजा तुकोजी राव ने राज्य की शासन व्यवस्था संभाली.
न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh
अहिल्या बाई होलकर का खरगोन से गहरा नाता! इंदौर नही...यहां बनाई थी राजधानी,