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भारतीय राजनीति के वो 5 पलटू राम नेता, जिन्‍होंने 'मौके पर लगाया चौका’, विचारधारा पर भारी पड़ा सत्‍ता का मोह!

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नई दिल्ली. भारत में कई राजनेता हुए हैं, जिनको राजनीतिक पंडितों ने पलटी मार, पलटू राम और आया राम-गया राम जैसे नामों से नवाजा है. वैसे तो देश के हर राज्यों में इस तरह के नेता हुए हैं, लेकिन आज हम आपको यूपी-बिहार के मौजूदा कुछ पलटूमार राजनेता के बारे में जिक्र करने जा रहे हैं. ये राजनेता समय-समय पर खुद की और पार्टी की विचारधारा को त्याग कर दूसरे विचारधारा वाले दलों या नेताओं के साथ गठबंधन कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं.

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Nitish Kumar
नीतीश कुमार. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल के दिनों में पलटीमार राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा बन कर उभरे हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार का नाम ही 'पलटू चाचा' रख दिया था. 'पलटू चाचा' के नाम से प्रचलित नीतीश कुमार की एक बार फिर से पलटने की चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर जनता पार्टी, जनता दल, समता पार्टी से होते हुए जनता दल यूनाइटेड तक पहुंचा है. इस दौरान वह एनडीए में आते-जाते रहे हैं. वो कभी पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर तो कभी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के नाम अपनी राजनीति चमकाते रहे हैं. (PTI)
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jagdambika pal Paltu Ram
जगदंबिका पाल. जगदंबिका पाल यूपी की राजनीति में ऐसा नाम है, जिनका राजनीतिक करियर कांग्रेस से शुरू हुआ. साल 1997 में उन्होंने नरेश अग्रवाल और राजीव शुक्ला के साथ मिलकर लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन कर लिया और एक नाटकीय घटनाक्रम में कल्याण सिंह सरकार को सड़क पर ला दिया था. हालांकि, बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से कल्याण सिंह सीएम बने. इस दौरान जगदंबिका पाल के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड बना. पाल मात्र 31 घंटे के लिए यूपी के मुख्यमंत्री बने.खास बात यह है कि जिस जगदंबिका पाल ने बीजेपी को बड़ा घाव दिया था, उसे ही बीजेपी ने साल 2014 ने टिकट दिया. पाल पिछले दो टर्म से डुमरियागंज से बीजेपी सांसद हैं. (ANI)
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Naresh Aggarwal
नरेश अग्रवाल. यूपी की राजनीति में नरेश अग्रवाल कुछ समय पहले तक बड़ा नाम हुआ करते थे. अग्रवाल का राजनीतिक सफर 1980 में हरदोई से कांग्रेस के विधायक के तौर पर शुरू हुआ था. इसके बाद वह 7 बार अलग-अलग पार्टियों से विधायक रहे और बाद में एसपी से राज्यसभा सांसद रहे. अग्रवाल सबसे पहले कांग्रेस, लोकतांत्रिक कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, फिर एसपी और अब बीजेपी में शामिल हुए हैं. (File Photo)
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shibu soren
शिबू सोरेन. झारखंड और बिहार की राजनीति में शिबू सोरेन की धमक का लोहा सब मानते हैं. झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की राजनीति शिबू सोरेन के दम पर ही टिकी है. दिशोम गुरु के नाम से विख्यात शिबू सोरेन ने कई बार पलटी मार राजनीति की. हालांकि, राजनीतिक मजबूरियों की वजह से शिबू सोरेन समय-समय पर कांग्रेस, बीजेपी और आरजेडी से गठबंधन करते रहे हैं. निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन से लेकर साल 2009 में बीजेपी के साथ सरकार बनाने तक इनके फैसले काफी चर्चा में रहे हैं. (PTI)
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Upendra Kushwaha
उपेंद्र कुशवाहा. बिहार की राजनीति को जानने वाले राजनीतिक पंडित नीतीश कुमार की तरह ही उपेंद्र कुशवाहा को भी पलटी मार राजनेता मानते हैं. युवा लोक दल से लेकर जनता दल, समता पार्टी, जेडीयू, राष्ट्रीय समता पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और अब राष्ट्रीय लोक जनता दल जैसे पार्टियों से इनका किसी न किसी रुप से जुड़ाव रहा है. साल 2005 के बाद से कुशवाहा कितनी बार नीतीश से मिले और जुदा हुए उनको खुद भी इसका पता नहीं होगा. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा एनडीए, महागठबंधन होते हुए एक बार फिर से एनडीए में शामिल हुए हैं. (PTI)
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भारतीय राजनीति के वो 5 पलटू राम नेता, जिन्‍होंने 'मौके पर लगाया चौका’