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Heritage: 12वीं सदी में बना यह सूर्य मंदिर है खास, कुंड में स्नान करने से धूल जाते हैं पाप, देशभर से आते हैं लोग

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Barmer Devka Surya Temple: पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर के देवका में बसा सूर्य मंदिर 12वीं सदी का एक प्राचीन आस्था का केंद्र है, जहां सूर्य देव का तेज और रेगिस्तान की शांति एकाकार होती है. यह राजस्थान के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है और इसका निर्माण ओड़िसा के प्रसिद्ध कोर्णाक सूर्य मंदिर की तर्ज पर किया गया है. मंदिर में मूर्तियों को बेहतरीन नक्काशी उतकृष्ट स्थापत्य कला का उदाहरण है. यहां देश भर से लोग घूमने आते हैं.

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कोर्णाक मन्दिर की तर्ज पर बना है मन्दिर
बाड़मेर में देवका सूर्य मंदिर राजस्थान की मंदिर वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. यह सूर्य मंदिर बाड़मेर में एक विरासत स्थल है और इसे 13वीं शताब्दी में बनाया गया था. सूर्य मंदिर के पास भगवान विष्णु और भगवान गणेश के दो अन्य मंदिर हैं. मंदिर में मूर्तियों और मूर्तियों को बेहतरीन नक्काशी के साथ तराशा गया है. मंदिर खंडहर में है, लेकिन मौजूदा संरचनाओं से पता चलता है कि मूल मंदिर राजस्थान के शानदार सूर्य मंदिरों में से एक था.
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बाड़मेर से 65 किलोमीटर दूर है देवका
बाड़मेर-जैसलमेर रोड के पास बाड़मेर से 62 किलोमीटर दूर देवका एक छोटा सा गांव है. यह मंदिर अपने अविश्वसनीय वास्तुकला के लिए जाना जाता है. इस गांव में दो अन्य मंदिरों के खंडहर भी हैं, जिसमें भगवान गणेश की पत्थर की मूर्तियां हैं.
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13वी सदी में बना अनूठा मन्दिर
बाड़मेर जिले में स्थित देवका सूर्य मंदिर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक ऐतिहासिक मंदिर है. यह राजस्थान के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है. इस मंदिर का निर्माण ओड़िसा के प्रसिद्ध कोर्णाक सूर्य मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है. इस मंदिर की वास्तुकला बेहद खूबसूरत और आकर्षक है.
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बाड़मेर के देवका में है यह मंदिर
देवका के मंदिर समूह में सूर्य मंदिर के अलावा शिव, कुबेर और विष्णु के मंदिर भी विराजमान हैं. जानकारी के मुताबिक सूर्य पूजा के प्राचीन महत्व को दर्शाने वाले यहां के पूर्वाभिमुख शिखरवाले सूर्य मंदिर के अंदर गर्भगृह बना है और आगे सभामंडप बना हुआ है. सभामंडप के उत्तर और दक्षिण में अत्यंत सुंदर गोख व मकर तोरण निर्मित हैं.
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यहां सूर्य नमस्कार जैसे होते है कार्यक्रम
सूर्य मंदिर का मुख्य गर्भगृह सूर्य देव की विशाल प्रतिमा से सुसज्जित है. नक्काशीदार खंभे और मेहराब इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. मंदिर परिसर में एक झरना और कुंड भी है जिसका जल पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इसमें स्नान करने और सूर्य देव के दर्शन करने से सभी पाप धुल जाते हैं.
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