Delhi-Ahmedabad Bullet Train Latest News: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र में संसद में एक लिखित जवाब में जानकारी दी थी कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project Latest News) परियोजना के बाद, जल्द ही अहमदाबाद-दिल्ली रूट पर हाई स्पीड रेल परियोजना काम शुरू किया जाएगा. रेल मंत्रालय ने सर्वे और एक विस्तृत परियोजना (Rajasthan Bullet Train Map) रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का फैसला लिया है. फिलहाल, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन देश में एकमात्र स्वीकृत बुलेट ट्रेन (Rajasthan Bullet Train Details in Hindi) परियोजना है. दिल्ली-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन (Rajasthan Bullet train Project) राजस्थान के 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और भीलवाड़ा से गुजरेगी. राजस्थान में कुल 9 स्टेशन प्रस्तावित हैं. इस परियोजना से राजस्थान के कुल 337 गांव प्रभावित होने की संभावना है.
फिलहाल देश में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है. मुंबई-अहमदाबाद पूरा होने के बाद अहमदाबाद-दिल्ली बुलेट ट्रेन परियोजना (Delhi-Ahmedabad Bullet Train) पर भी काम शुरू करने की बात केंद्र सरकार ने की है. दिल्ली-अहमदाबाद प्रोजेक्ट का सबसे ज्यादा लाभ राजस्थान को मिलेगा. बुलेट ट्रेन राजस्थान (Rajasthan Bullet Train News) के 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और भीलवाड़ा से गुजरेगी. इस परियोजना से राजस्थान के कुल 337 गांव प्रभावित होने की संभावना है.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, प्रोजेक्ट का कुल ट्रैक 875 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें से 657 किलोमीटर लंबा ट्रैक राजस्थान के 7 जिलों से गुजरेगा. राजस्थान में कुल 9 स्टेशन प्रस्तावित हैं. दिल्ली के द्वारका के सेक्टर 27 से इस बुलेट ट्रेन का ट्रैक शुरू होगा. हरियाणा के स्टेशन मानेसर और रेवाड़ी में प्रस्तावित हैं. फिर अलवर के रास्ते यह बुलेट ट्रेन राजस्थान में एंट्री लेगी.
बुलेट ट्रेन राजस्थान के 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और भीलवाड़ा से गुजरेगी. ट्रेन की रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. राजस्थान में बहरोड़, शाहजहांपुर, जयपुर, अजमेर, विजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर में स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है. दिल्ली से अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड एलिवेटेड बुलेट ट्रेन चलने से राजस्थान की स्मार्ट सिटी उदयपुर को भी बड़ा फायदा होगा. उदयपुर जिले में 1 किलोमीटर से कम दूरी की 8 टनल बनाई जाएंगी. उदयपुर जिले में कुल 127 किमी का ट्रैक बनेगा.
दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का प्रस्तावित ट्रैक दिल्ली के द्वारका सेक्टर 21 से शुरू होगा और चौमा में गुरुग्राम में प्रवेश करेगा. हरियाणा में मानेसर (गुरुग्राम) और रेवाड़ी में दो स्टेशन प्रस्तावित हैं. फिर यह ट्रैक दिल्ली-जयपुर रेलवे लाइन के साथ अलाइन करने के लिए शाहजहांपुर टोल प्लाजा (हरियाणा-राजस्थान सीमा) पर दिल्ली-जयपुर राजमार्ग में शामिल होगा. राजस्थान में यह कॉरिडोर अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर से प्रवेश करेगा. फिर राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के समानांतर जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर में अहमदाबाद तक जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी कारणों से पूरे ट्रैक को अलग तरह से बनाया जाएगा.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए उदयपुर जिले में 1 किलोमीटर से कम दूरी की 8 टनल बनाई जाएंगी. इससे यह ट्रैक 5 नदियों के ऊपर से होकर गुजरेगा. बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर दो नए स्टेशन मानेसर और रेवाड़ी प्रस्तावित किए गए हैं. प्रोजेक्ट का सबसे ज्यादा फायदा राजस्थान को होगा, जिसमें दस स्टेशन बनेंगे. राजस्थान में बहरोड़, शाहजहांपुर, जयपुर, अजमेर, विजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर में स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से दिल्ली से अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वे का काम पूरा हो चुका है. राजस्थान में यह कॉरिडोर अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर से प्रवेश करेगा. फिर राष्ट्रीय राजमार्ग 48 के समानांतर जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर में अहमदाबाद तक जाएगा.
दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का रूट इस तरह से चुना गया है, ताकि भूमि का अधिग्रहण आसानी हो सके. इसके लिए नेशनल हाईवे 48 के समानांतर बुलेट ट्रेन का ट्रैक गुजरेगा. गुजरात में तीन स्टेशन बनेंगे. कुल 15 स्टेशनों में द्वारका (दिल्ली), मानेसर (गुरुग्राम), रेवाड़ी (हरियाणा), बहरोड़, शाहपुरा, जयपुर, अजमेर, विजय नगर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर (राजस्थान), हिम्मत नगर, गांधीनगर और अहमदाबाद (गुजरात) शामिल हैं. दिल्ली-हरियाणा सरकार ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. स्वाइल टेस्टिंग और सड़कों के चौड़ीचरण का काम शुरू हो चुका है. हालांकि आवास एवं शहरी मंत्रालय की ओर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. अधिकारियों का कहना है कि जमीन का अधिग्रहण करने में 3-4 साल का समय लग सकता है.