नौकरी और व्यापार पड़ा है ठप्प? इसकी वजह कहीं ये दोष तो नहीं? गढ्ढा खोदकर इस तरह पहचानें भूमि की ऊर्जा?
Bhumi Dosh Kya Hai : भूमि दोष का सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है. अगर भूमि की पहचान सही तरीके से की जाए तो हम एक अच्छे और सुखमय जीवन की शुरुआत कर सकते हैं. इसलिए, घर या कार्यस्थल बनाने से पहले भूमि का सही तरीके से परीक्षण करना जरूरी है.
Bhumi Dosh Kya Hai : वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि का प्रभाव हमारे जीवन पर गहरा होता है. एक सही स्थान पर बनाए गए घर या ऑफिस से जीवन में सुख और समृद्धि आती है, वहीं अगर भूमि में दोष हो, तो इससे व्यवसाय और नौकरी में रुकावटें आ सकती हैं. भूमि की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का सही तरीके से पहचानना बहुत जरूरी है ताकि हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकें. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

भूमि दोष की पहचान कैसे करें?
1. वास्तु शास्त्र में भूमि दोष की पहचान करने के कई तरीके बताए गए हैं. पहला तरीका यह है कि आप किसी स्थान पर एक गड्ढ़ा खोदें और उसमें पानी भरें. अब वहां से पूर्व दिशा की ओर 100 कदम चलें. अगर गड्ढ़े का पानी पूरी तरह से भरा हुआ है, तो उस भूमि की ऊर्जा सकारात्मक है. अगर पानी आधा शेष रहता है, तो वह भूमि मध्यम प्रकार की है और अगर पानी पूरी तरह से सूख जाता है, तो भूमि में नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है, जो आपके लिए शुभ नहीं है.
2. दूसरा तरीका मिट्टी के रंग को देखना है. अगर भूमि की मिट्टी पीली या सफेद है, तो यह भूमि सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. वहीं, अगर मिट्टी का रंग लाल या काला है, तो यह भूमि दोषपूर्ण मानी जाती है और यहां निवास करना या काम करना सही नहीं होता.
किस प्रकार की भूमि पर न बनाएं मकान?
3. वास्तु शास्त्र में कुछ स्थानों पर मकान बनाने से बचने की सलाह दी जाती है. जैसे कि उत्तर-पूर्व दिशा में ऊंचे भवन, पर्वत या पीपल का पेड़ न हो. इन स्थानों पर मकान बनाना आर्थिक हानि का कारण बन सकता है. इसके अलावा, जिस भूमि पर गड्ढ़े या जलाशय हों, उसे भी उचित नहीं माना जाता. कभी भी ऐसी भूमि पर मकान न बनाएं, जहां गड्ढे या पानी के स्रोत ज्यादा हों. यह भूमि न सिर्फ असंवेदनशील होती है, बल्कि यह घर में नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है.
भूमि को शुद्ध करने के उपाय
वास्तु शास्त्र में एक खास उपाय बताया गया है, जो भूमि को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. अगर आप भूमि पर मकान या कार्यस्थल बनाना चाहते हैं, तो पहले कुछ दिनों के लिए वहां गायों और बछड़ों को छोड़ें. उनका गोबर और मूत्र भूमि को शुद्ध करने का काम करता है, जिससे भूमि में छिपी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है.
अशुभ भूमि की पहचान
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि कुछ भूमि पर वृक्ष, जैसे बहुत पुराने पेड़, होते हैं, जिन्हें अशुभ माना जाता है. साथ ही, अगर भूमि की खुदाई करते समय स्वर्ण, चांदी, रत्न या कोई अन्य मूल्यवान वस्तु मिलती है, तो वह भूमि अत्यंत शुभ मानी जाती है. वहीं, अगर खुदाई के दौरान कोयला या हड्डियां निकलती हैं, तो यह भूमि अशुभ मानी जाती है और इससे बचना चाहिए.