एक विवाह ऐसा भी, समधन-समधी फरार! शादी में चप्पल-जूतों की हुई बौछार, पत्नी बोली- मुझसे करवाता था अवैध...
सासाराम में रजिस्ट्री ऑफिस के बाहर दयाशंकर राम और धर्मशीला देवी कोर्ट मैरिज करने जा रहे थे जिसकी खबर सुनकर दोनों के परिजन वहां पहुंच गए और मारपीट शुरू कर दी. हंगामा इतना बड़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.

रोहतास. ये अनोखी खबर है सासाराम से, जहां रजिस्ट्री ऑफिस के बाहर उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब चार बच्चों के पिता दयाशंकर राम और तीन बच्चों की मां धर्मशीला देवी कोर्ट मैरिज के लिए पहुंचे. इससे पहले कि शादी की प्रक्रिया शुरू होती, दोनों के परिजन वहां आ धमके और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई. चप्पलों और जूतों की बौछार, चीख-पुकार और धक्का-मुक्की के बीच पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन तब तक सड़क पर जमकर तमाशा लग चुका था.
पूरा मामला कुछ यूं है कि शिवसागर थाना के थनुआ गांव के रहने वाले दयाशंकर राम ने अपनी बेटी की शादी धर्मशीला देवी की बहन की बेटे से तय की थी. यानी दोनों परिवार रिश्ते में समधी-समधन बनने वाले थे. शादी की तारीख तय नहीं थी, क्योंकि लड़की वालों ने दो साल का समय मांगा था ताकि वे इस दौरान अपना घर बना सकें. इसी बीच दयाशंकर और धर्मशीला देवी के बीच मोबाइल पर बातचीत शुरू हुई. यह बातचीत उस वक्त शुरू हुई जब घर्मशीला की बहन ने दयाशंकर को उसका नंबर दे दिया.
पति करवाता था शराब का धंधा
धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. बातचीत के दौरान धर्मशीला देवी ने अपने घरेलू हालात दयाशंकर से साझा किए. उसने बताया कि डेहरी के रहने वाले उनके पति सुनील राम, उनसे शराब का अवैध धंधा करवाता है, खुद शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता है और हर दिन उसे प्रताड़ित करता है. ये सब सुनकर दयाशंकर को घर्मशीला पर दया आ गई. उन्होंने उसकी आर्थिक मदद की और इलाज भी करवाया.
सहानुभूति धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई. घर्मशीला ने तय कर लिया कि वह अब अपने पति के साथ नहीं रहेगी और बिना तलाक लिए ही दयाशंकर के घर आकर रहने लगी. वहीं दयाशंकर राम ने बताया कि जब घर्मशीला के ससुराल वालों को इसकी खबर लगी, तो उन्होंने उसे प्यार से घर बुलाया, अच्छा खाना खिलाया और फिर जमकर उसकी पिटाई कर दी. किसी तरह वह वहां से भागकर अपनी जान बचा पाया.
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बेटी का शादी करने से किया इंकार
Local18 से बातचीत में दयाशंकर राम ने बताया कि घर्मशीला उनकी समधन नहीं, बल्कि समधन की बहन है. उन्होंने कहा कि अगर घर्मशीला को उसके पति से तलाक मिल जाता है, तो वे उसे पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब वे अपनी बेटी की शादी उस घर में नहीं करेंगे, जहां से यह सब विवाद शुरू हुआ.
वहीं घर्मशीला देवी ने भी साफ-साफ कहा कि वे अपनी मर्जी से दयाशंकर राम के साथ रह रही हैं और किसी के दबाव में नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि दयाशंकर का नंबर उन्हें उनकी ही बहन ने दिया था. इसके बाद जब उन्होंने दयाशंकर से अपने दुख साझा किए तो उन्हें सहारा मिला और उन्होंने एक नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया. फिलहाल धर्मशीला दयाशंकर के साथ उसके घर पर ही रह रही है और यह अजब प्रेम की गजब कहानी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.