Bitcoin ट्रेड पर सरकार क्लियर कट पॉलिसी लेकर क्यों नहीं आती? SC ने क्यों कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन के लिए क्लियर कट पॉलिसी बनाने को कहा है. जस्टिस सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह ने बिटकॉइन ट्रेड को हवाला कारोबार जैसा अवैध बताया.
नई दिल्ली. भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई साफ पॉलिसी नहीं है और यही चिंता अब सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि इकोनॉमी पर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurreny) के असर को देखते हुए इसके रेगुलेशन के लिए क्लियर कट पॉलिसी क्यों नहीं बनाई जा सकती है. जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में ट्रेड को ‘हवाला’ कारोबार की ही तरह अवैध ट्रेड करार दिया.

पीठ ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, ‘‘केंद्र क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए क्लियर कट पॉलिसी क्यों नहीं बनाता? इसका एक अवैध बाजार है और यह इकोनॉमी को प्रभावित कर सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करके आप ट्रेड पर नजर रख सकते हैं.’’
बिटकॉइन में ट्रेड करना हवाला बिजनेस की तरह
जस्टिस कांत ने कहा, ‘‘बिटकॉइन में ट्रेड करना हवाला बिजनेस की तरह ही अवैध ट्रेड है.’’ भाटी ने इस मामले पर निर्देश मांगने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में अवैध बिटकॉइन ट्रेड के एक मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह यह पता नहीं लगा सकती कि आरोपी पीड़ित था या पीड़ित करने वाला. भाटी ने दावा किया कि वह व्यक्ति राज्य में बिटकॉइन ट्रेड के सबसे बड़े एग्रीगेटर में से एक था और उसने ज्यादा रिटर्न का वादा करके दूसरों को पीड़ित किया और यहां तक कि अपहरण में भी शामिल रहा.
शैलेश बाबूलाल भट्ट ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उसे कथित अवैध बिटकॉइन ट्रेड के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था.