बड़ी खबर: अब कर्ज में डूबे पाकिस्तान में नहीं मिल रही हैं दवाइयां! भारत ने की मदद
पाकिस्तान में अब कई गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं नहीं मिल रही है. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान की मदद की है.
भारी कर्ज संकट में डूबे पाकिस्तान में इन दिनों कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुत्ते और सांप के काटने के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली रैबीजरोधी और सांप के जहर से निपटने वाली वैक्सीन भारत से खरीद रहा है. पिछले 16 महीने में करीब 2.56 अरब अरब पाकिस्तानी रुपये की दवाएं भारत से खरीदी गई है. आपको बता दें कि पाकिस्तान मौजूदा समय में भारी कर्ज के नीचे दबा हुआ है. रुपये की कमजोरी के चलते विदेशों से सामान खरीदना महंगा हो गया है. ऐसे में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई है और बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है.

भारत ने की पाकिस्तान की मदद- पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के पास देश में इनके लिए पाई जाने वाली मांग के अनुरूप इन्हें बनाने की क्षमता नहीं है. 'द नेशन' की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. अखबार ने बताया कि उसे मिले दस्तावेजों के मुताबिक, बीते 16 महीने में पाकिस्तान ने भारत से 2.56 अरब पाकिस्तानी रुपये मूल्य की रैबीजरोधी और सांप विषरोधी वैक्सीन भारत से आयात की हैं.
पाकिस्तानी रुपये में गिरावट जारी
>> मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सीनेटर रहमान मलिक ने भारत से आयात होने वाली दवाओं की गुणवत्ता और रैबीजरोधी और सांप विषरोधी वैक्सीन बनाने के लिए सरकारी विभागों की क्षमता के बारे में सवाल पूछा था.
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भारी भरकम कर्ज के नीचे दबा पाकिस्तान- अंतरराष्ट्रीय कर्जो के भुगतान में डिफॉल्टर बनने से बचने के लिए पाकिस्तान ने भारी भरकम कर्ज लिया है. 16 अरब डॉलर का यह विदेशी कर्ज पाकिस्तान ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में लिया, जिसमें से 11 महीने का कार्यकाल इमरान खान की सरकार का रहा है.
16 अरब डॉलर में से 13.6 अरब डॉलर इमरान ख़ान की सरकार ने अपने कार्यकाल में कर्ज लिया जो कि किसी भी सराकार में एक साल के भीतर सबसे बड़ा विदेशी कर्ज है. बाक़ी के 2.1 अरब डॉलर जुलाई 2018 में पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार ने लिया था.
जानिए किस देश से लिया हैं कितना कर्ज- वित्तीय वर्ष 2018-19 का अंत पिछले महीने जुलाई में हुआ था और अंत-अंत तक कर्ज 16 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इस कर्ज में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर के पांच अरब डॉलर शामिल हैं.
>> पाकिस्तान के प्रमुख अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून का कहना है कि वित्त मंत्रालय की तरफ़ से जो डेटा जारी किया गया है उसमें इस पाँच अरब डॉलर को कर्ज के तौर पर शामिल नहीं किया गया है.
>> शुरुआत में चीन के दो अरब डॉलर को भी विदेशी कर्ज में शामिल नहीं किया गया था लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के दबाव में पाकिस्तान को ऐसा करना पड़ा. वित्तीय वर्ष 2017-18 में पाकिस्तान ने 11.4 अरब डॉलर का विदेश कर्ज लिया था.
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