India vs Pakistan: पाकिस्तान के स्कूलों में क्या पढ़ाया जा रहा है? जिन्ना को बनाया हीरो, भारत का जिक्र ही नहीं
India vs Pakistan History Syllabus: हर देश का अपना स्कूल सिलेबस होता है. इसमें इतिहास, भूगोल, भाषा जैसे कई विषय शामिल किए जाते हैं. भारतीय इतिहास में मुगल, राजपूत, मराठा, चौला, गुप्त साम्राज्य और स्वतंत्रता संग्राम जैसे टॉपिक्स विशेष तौर पर पढ़ाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की हिस्ट्री क्लास में क्या पढ़ाया जा रहा है?
नई दिल्ली (India vs Pakistan History Syllabus). हर देश का स्कूल सिलेबस काफी विस्तृत होता है. इसके जरिए बच्चों को सांस्कृतिक, धार्मिक, राष्ट्रीय समेत कई पहलुओं की जानकारी दी जाती है. भारतीय इतिहास से तो आप वाकिफ हैं, लेकिन क्या पाकिस्तानी इतिहास के बारे में जानते हैं? पाकिस्तान की हिस्ट्री क्लास भारत से बहुत अलग है. पाकिस्तान के स्कूलों में इतिहास का सिलेबस मुख्य रूप से ‘पाकिस्तान स्टडीज़’ (Pakistan Studies) के अंतर्गत पढ़ाया जाता है. यह अनिवार्य विषय है.

पाकिस्तान हिस्ट्री सिलेबस प्राथमिक स्तर से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर (ग्रेड 9-12) तक अलग-अलग रूपों में लागू होता है (Pakistan History Book Class 10). इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पहचान, इस्लामी मूल्यों और पाकिस्तान के निर्माण की कहानी को बढ़ावा देना है. इस लेख में हम आपको पाकिस्तान के इतिहास से जुड़ी कुछ बातें बता रहे हैं, जिसे वहां के सरकारी स्कूलों और पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा आदि प्रांतों के टेक्स्टबुक बोर्ड ने निर्धारित किया है.
Pakistan History Syllabus: पाकिस्तान के इतिहास सिलेबस में क्या है?
शुरुआत: इस्लाम का आगमन
पाकिस्तान के ज्यादातर स्कूलों में इतिहास की पढ़ाई 711 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम के सिंध पर आक्रमण से शुरू होती है. इसे पाकिस्तान में इस्लाम की एंट्री का प्रतीक माना जाता है. कुछ किताबों में हड़प्पा या सिंधु घाटी सभ्यता जैसी प्राचीन भारतीय सभ्यताओं का उल्लेख है, लेकिन वहां इन्हें विस्तार से नहीं पढ़ाया जाता है. इनका संबंध पाकिस्तानी पहचान से कम ही जोड़ा जाता है. वहीं, भारतीय स्कूलों में प्राचीन सभ्यताएं इतिहास का जरूरी हिस्सा हैं.
मुस्लिम शासन पर जोर
पाकिस्तान स्कूल हिस्ट्री सिलेबस में मुगल काल, दिल्ली सल्तनत और अन्य मुस्लिम शासकों (जैसे गजनवी, गौरी) पर फोकस किया जाता है. इन कालखंडों को इस्लामी स्वर्ण युग के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. इनमें हिंदू शासकों (जैसे मौर्य, गुप्त) या गैर-मुस्लिम इतिहास का जिक्र नहीं होता है. पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है और वहां की इतिहास की किताबों में इस बात को समझा जा सकता है. भारत में हर काल का इतिहास पढ़ाया जाता है.
पाकिस्तान आंदोलन
ब्रिटिश शासन के दौरान मुस्लिम अलगाववाद और पाकिस्तान के निर्माण पर विशेष जोर होता है.
Pakistan History Books: पाकिस्तान हिस्ट्री बुक्स में इन प्रमुख घटनाओं पर फोकस है-
- 1857 का विद्रोह (जिसे ‘पहली आजादी की जंग’ कहा जाता है).
- सर सैयद अहमद खान का शैक्षिक सुधार.
- ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना (1906).
- अल्लामा इकबाल का इलाहाबाद संबोधन (1930).
- 1940 का लाहौर प्रस्ताव.
- जिन्ना की भूमिका और 1947 में विभाजन.
- इसे ‘दो-राष्ट्र सिद्धांत’ के आस-पास केंद्रित किया जाता है, जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों को अलग-अलग राष्ट्र के रूप में चित्रित किया जाता है.
1947 के बाद का इतिहास क्या है?
- पाकिस्तान के शुरुआती संघर्ष, संविधान निर्माण और प्रमुख नेताओं (जैसे लियाकत अली खान, आयूब खान) पर चर्चा.
- भारत के साथ युद्ध (1948, 1965, 1971) और बांग्लादेश का अलगाव (1971).
- सैन्य शासन (जिया-उल-हक, मुशर्रफ) और लोकतंत्र की बहाली पर भी फोकस.
- इन घटनाओं को राष्ट्रीय गौरव और बाहरी चुनौतियों (खासकर भारत से) के संदर्भ में प्रस्तुत किया जाता है.
इतिहास में इस्लामी पहचान की झलक
पाकिस्तानी इतिहास को इस्लाम के नजरिए से जोड़ा जाता है. वहां इतिहास की किताबों में पैगंबर मुहम्मद और खलीफाओं की जीवनी से जुड़े अध्याय हैं. शिक्षा में इस्लामी मूल्यों और शरीयत को बढ़ावा देने वाली नीति 1970-80 के दशक में जनरल जिया-उल-हक के शासन से प्रभावित हुई. वहीं, भारतीय इतिहास की किताबें काफी विविध हैं. इनमें मुगलों का इतिहास है तो राजपूतों का भी, मराठा हैं तो चौल और गुप्त साम्राज्य भी. स्वतंत्रता संग्राम के चैप्टर में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के बारे में भी पढ़ाया जाता है.
पाकिस्तानी इतिहास में क्या नहीं पढ़ाया जाता है?
- प्राचीन भारतीय इतिहास (मौर्य, गुप्त, बौद्ध काल या हिंदू शासक) को लगभग पूरी तरह छोड़ दिया जाता है.
- भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी, नेहरू या कांग्रेस की भूमिका का उल्लेख कम या निगेटिव रेफरेंस में होता है.
- हिंदू या बौद्ध सभ्यताओं का योगदान नजरअंदाज किया जाता है, जिससे इतिहास एकपक्षीय लगता है.
Pakistan School Syllabus Format: पाकिस्तान स्कूल सिलेबस का ढांचा क्या है?
- प्राथमिक स्तर (ग्रेड 1-5): बुनियादी राष्ट्रीय कहानियां, इस्लाम का आगमन और जिन्ना जैसे नायकों पर केंद्रित.
- माध्यमिक स्तर (ग्रेड 6-8): मुस्लिम शासन और ब्रिटिश काल का परिचय, जिसमें हिंदुओं को ‘दूसरे’ के रूप में चित्रित किया जा सकता है.
- उच्चतर माध्यमिक (ग्रेड 9-12): विस्तृत पाठ्यक्रम, जिसमें पाकिस्तान आंदोलन, संवैधानिक विकास, और आधुनिक इतिहास शामिल है. यहां Aga Khan University Examination Board या पंजाब टेक्स्टबुक बोर्ड जैसे संस्थानों के आधार पर सिलेबस तैयार होता है.
स्कूल सिलेबस में सिंगल नेशनल करिकुलम (SNC) का प्रभाव
2021 में लागू ‘सिंगल नेशनल करिकुलम’ (Pakistan SNC) ने इतिहास और पाकिस्तान स्टडीज़ में धार्मिक सामग्री को बढ़ावा दिया है. इसमें कुरान, हदीस और इस्लामी इतिहास पर ज्यादा जोर दिया गया है. राष्ट्रीय एकता और इस्लामी पहचान को मजबूत करने की कोशिश की गई है. आलोचकों का कहना है कि इससे सिलेबस पहले से भी ज्यादा एकपक्षीय हो गया है. इसमें वैश्विक इतिहास या तुलनात्मक अध्ययन की कमी बताई जा रही है.
KK Aziz Books: तथ्यों से खिलवाड़
The Murder of History के लेखक और पाकिस्तान के मशहूर इतिहासकार खुर्शीद कमल अज़ीज़ (KK Aziz) का मानना है कि यह सिलेबस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और भारत के प्रति नकारात्मकता को बढ़ावा देता है. इसमें ‘हिंदुओं’ को अक्सर शत्रु या ‘अन्य’ के रूप में दर्शाया जाता है, जिससे बच्चों में पक्षपातपूर्ण नजरिया बनता है. प्राचीन सभ्यताओं और गैर-मुस्लिम इतिहास को छोड़ने से सांस्कृतिक विरासत का एक बड़ा हिस्सा अनदेखा रहता है.