JEE Main Result: बेटे ने पूरा किया मां का अधूरा सपना, कोटा से पढ़ाई कर बना जेईई मेन का टॉपर
JEE Main Result, JEE Topper: जेईई मेन जनवरी सेशन 2023 का रिजल्ट जारी किया जा चुका है. इसमें कई स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल हासिल किए हैं. इन्हीं टॉपर्स में महाराष्ट्र के ज्ञानेश हेमेंद्र शिंदे (Gyanesh Hemendra Shinde) का नाम शामिल हैं. इनकी सक्सेस स्टोरी (Success Story) खास है क्योंकि इन्होंने अपनी मां का अधूरा सपना पूरा किया है.
नई दिल्ली (JEE Main Result, JEE Topper). जेईई मेन 2023 रिजल्ट का लिंक ऑफिशियल वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर एक्टिव किया गया है. जेईई मेन परीक्षा में कई स्टूडेंट्स ने 100 परसेंटाइल के साथ टॉपर्स लिस्ट में जगह बनाई है. इनमें महाराष्ट्र के चंद्रपुर के रहने वाले ज्ञानेश हेमेंद्र शिंदे (Gyanesh Hemendra Shinde) का नाम काफी चर्चा में है.

ज्ञानेश आज की जनरेशन के बच्चों से काफी अलग हैं. इन्होंने कभी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं किया है, न ही ये इंटरनेट या सोशल मीडिया एडिक्ट हैं. कम उम्र से उन्होंने सिर्फ जेईई परीक्षा (JEE Exam) पास करने का सपना देखा था और उसे पूरा करके ही दम लिया. इसके लिए वह महाराष्ट्र छोड़कर जेईई कोचिंग की फैक्ट्री (Kota Factory) के तौर पर मशहूर कोटा शहर चले गए थे.
8वीं में बनाया जिंदगी का लक्ष्य
ज्ञानेश पिछले 5 सालों से राजस्थान के कोटा में रह रहे हैं. उनकी मां माधवी भी परिवार से दूर ज्ञानेश के साथ रह रही हैं. ज्ञानेश हेमेंद्र शिंदे (Gyanesh Hemendra Shinde) ने कक्षा 8वीं में ही तय कर लिया था कि वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस ब्रांच से बीटेक करेंगे. कोटा में पढ़ाई के दौरान उन्होंने खुद को स्मार्ट फोन और इंटरनेट के एडिक्शन से दूर रखा था.
मन बहलाने के लिए बजाया गिटार
ज्ञानेश के पिता महाराष्ट्र के सिंगरौली में कोयला फैक्ट्री में इंजीनियर हैं. ज्ञानेश घर से अपने साथ गिटार लेकर आए थे. पढ़ाई से बोरियत होने पर वह उसे बजाकर ही अपना मन बहला लेते थे. वह कोचिंग और स्कूल के बाद 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. उस दौरान किसी भी विषय में कोई डाउट होने पर अगले दिन टीचर्स से सलाह लेते थे.
मां ने निभाया साथ
ज्ञानेश की मां माधवी ने मीडिया को बताया कि वह खुद कोटा से पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा हो नहीं पाया. ज्ञानेश की बड़ी बहन समृद्धि ने कोटा से मेडिकल की कोचिंग की थी और अब वह महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेज में है. माधवी बताती हैं कि उन्होंने ज्ञानेश को एग्जाम स्ट्रेस से दूर रखने के लिए काफी मेहनत की है. खाली समय में वह उसके साथ हंसी-मजाक किया करती थीं.
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